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रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के बाद राम नगरी हुई गुलजार, अब नव्य भव्य दिव्य हो गई अयोध्या

अयोध्या। साल 1990 व 1992 से लेकर 2024 तक अयोध्या में बहुत बदलाव हो गया। एक बार पहुंचने पर बदलाव आपको असमंजस में डाल देगा। अयोध्या में रामकोट रहा हो या रामघाट तक का प्रमुख इलाका मंदिर-मस्जिद विवाद के नाते अयोध्या यहां ठिठकी सी रही। समय-समय पर इसने भारी सुरक्षा का पहरा रहता था।

रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के बाद राम नगरी हुई गुलजार, अब नव्य भव्य दिव्य हो गई अयोध्या

परंतु सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद राम मंदिर निर्माण शुरू हुआ। और अब जब बीते 22 जनवरी को रामलला की नए भव्य गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठा हुई तो राम भक्त निहाल और अयोध्या चहक रही है। अब चाहे रामकोट का इलाका हो या फिर अयोध्या के रामघाट का, यहां पहुंचिए तो आप पहचान नहीं पाएंगे कि यह वही 30 साल तक ठिठकी हुई अयोध्या है। आपकी आंखें चौंधिया जाएंगी।

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राम की नगरी का महत्वपूर्ण रामकोट क्षेत्र हो या रामघाट का इलाका अब गुलजार हो चुका है। राम मन्दिर जाने के लिए अब श्रद्धालु संकरी गलियों से नहीं बल्कि चौड़े-चौड़े मार्गों से जाने लगे हैं। इसके लिए रामपथ और धर्मपथ जैसे फोरलेन मार्ग बन चुके हैं।

रामकोट क्षेत्र में दर्जनों ऐसे मंदिर थे। जो कभी सुनसान रहते थे। अब वहां की आध्यात्मिकता श्रद्धालुओं को बरबस खींच लाती है। कभी रामकोट में भीड़ नियंत्रण मुश्किल होता था। रामकोट में रामजन्मभूमि, कनकभवन, हनुमानगढ़ी समेत अन्य पीठ है, जहां रोजाना हजारों श्रद्धालु आते हैं। अब रामकोट जाने के लिए चौड़े रास्ते हैं।

रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के बाद राम नगरी हुई गुलजार, अब नव्य भव्य दिव्य हो गई अयोध्या

श्रृंगारहाट से रामजन्मभूमि चौड़ी सड़क का विकास भक्तिपथ के रूप में किया गया है। इस पर आधुनिक सुविधाएं भी विकसित की जा चुकी हैं। इसी अयोध्या का दूसरा इलाका रामघाट है। यहां भी अब चहल-पहल बढ़ गई है। राम मंदिर आंदोलन के शुरूआती दौर में ही इस रामघाट के इलाके में ही श्रीराम जन्मभूमि न्यास और विश्व हिंदू परिषद ने कमान संभाल लिया।

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इसी रामघाट इलाके में राम मंदिर की पत्थर तराशी की दो कार्यशालाएं खोली गईं थीं और राम मंदिर आंदोलन की गतिविधियों का केंद्र कारसेवकपुरम बनाया गया। अब यह इलाका भी दर्शनार्थियों के लिए उत्सुकता का केंद्र बन गया है। यहां भी दर्शनार्थियों की भीड़ उमड़ने लगी है। सरयू तट अयोध्या की शोभा बढा रहीं हैं। स्थिति बदली, राम की पैड़ी पर्यटन स्थल के रूप में निखार आ गया।

रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के बाद राम नगरी हुई गुलजार, अब नव्य भव्य दिव्य हो गई अयोध्या

राम की पैड़ी का अब विस्तार हो चुका हैं। नए घाट बन गए हैं। हजारों श्रद्धालु यहां पर्यटन का आनंद उठाने आते हैं। राम की पैड़ी का अविरल प्रवाह आकर्षित करता है।जहां श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहने लगी।

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मुख्य मार्ग रामपथ चौड़ीकरण के बाद शहर की सुंदरता में चार चांद लग गए हैं। विकास प्राधिकरण की इस योजना के तहत सहादगतगंज से नए घाट तक 13 किमी रामपथ की सभी इमारतों का एक रंग व एक स्वरूप में दिखने लगा है।

भवन अयोध्या की सुंदरता को और भी बढ़ा रहे हैं। इसके अलावा रामायण कालीन कुंड भी अब पर्यटन का केंद्र बन चुके हैं। 10 से अधिक कुंडों का सौंदर्यीकरण कराया जा चुका है। सूर्यकुंड पर्यटन स्थल बन चुका है। गणेश कुंड का भी दर्शन करने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ने लगी है।एक अयोध्या पहुंचने पर चकाचौंध हो जायेंगे।

रिपोर्ट-जय प्रकाश सिंह

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