शतरंज ग्रैंडमास्टर और राजनीतिक कार्यकर्ता गैरी कास्परोव को रूस की वित्तीय निगरानी संस्था ने ‘आतंकवादियों और चरमपंथियों’ की सूची में शामिल किया है। 60 वर्षीय पूर्व विश्व शतरंज चैंपियन लंबे समय से राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आलोचक रहे हैं और यूक्रेन में रूस के सैन्य हमले की लगातार निंदा करते रहे हैं।
किन किन दिक्कतों का करना पड़ता है सामना
रूस की वित्तीय निगरानी एजेंसी रोसफिन ने बुधवार को गैरी कास्परोव को अपनी अवांछित सूची में शामिल कर लिया। आतंकी की सूची में शामिल लोगों के बैंक लेनदेन के लिए प्रतिबंधित करती है और उन्हें हर बार अपने खातों का उपयोग करने के लिए अनुमति लेने की आवश्यकता होती है।
2014 में रूस से भाग गए थे
कास्परोव उत्पीड़न के डर से 2014 में रूस से भाग गए थे। 2022 में रूसी न्याय मंत्रालय ने कास्परोव और पूर्व तेल टाइकून मिखाइल खोडोरकोव्स्की को “विदेशी एजेंटों” की सूची में रखा था। उन्हें कठोर नौकरशाही और वित्तीय रिपोर्टिंग के अधीन किया गया था।
अमेरिका में रह रहे हैं कास्परोव
राइट्स ग्रुप के मुताबिक, यह लेबल क्रेमलिन द्वारा अपने विरोधियों को दबाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक हथियार है। ‘विदेशी एजेंट’ शब्द का उपयोग उन व्यक्तियों के लिए किया जाता है जिन्हें वह राज्य का दुश्मन मानते हैं। कास्परोव को व्यापक रूप से दुनिया के बेहतरीन शतरंज खिलाड़ियों में से एक माना जाता है। वह राजनीति पर ध्यान केंद्रित करने के लिए लगभग एक दशक तक संयुक्त राज्य अमेरिका में रहे हैं।