लखनऊ। खालसा पंथ का स्थापना दिवस (बैसाखी पर्व) के समारोहों की शुरुआत श्री गुरु सिंह सभा ऐतिहासिक गुरूद्वारा गुरु नानक देव जी नाका हिन्डोला लखनऊ में कर दी गई है। संगतों द्वारा सब्जी काटने प्रसादे बनाने की सेवा बड़ी श्रद्धा और जोर-शोर से की जा रही हैं।
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आज सुबह के समागम में यूथ खालसा एसोसिएशन द्वारा गुरु नानक जयंती पर प्रारंभ किए गए सहज पाठों की दीवान हाल में समाप्ति हुई जिसमें बड़ी संख्या में महिलाओं और बच्चों ने हिस्सा लिया। सहज पाठों की समाप्ति के बाद सुकराने की अरदास की गई और पुनः सहज पाठ प्रारंभ किए गए, जिनकी समाप्ति आने वाली गुरुनानक जयंती पर होगी।
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इस अवसर पर आज (12 अप्रैल) शाम का विशेष दीवान में विशेष रुप से पधारे रागी जत्थे भाई सिमरनजीत सिंह हजूरी रागी दरबार साहिब श्री अमृतसर वालों नें शबद हरि अमृतपान करहु साध संग। मन त्रिपतासै कीरतन प्रभ रंगि। कीर्तन गायन कर संगत को निहाल किया। उसके उपरान्त ज्ञानी सुखदेव सिंह साबका प्रचारक दमदमी टकसाल ने गुरमति विचारों द्वारा खालसा पंथ के स्थापना दिवस पर कथा व्याख्यान किया।
रागी जत्थे भाई नरिन्दर सिंह बनारस वालों नें शबद अंम्रित पीवहु सदा चिर जीवहु। हरि सिमरत अनद अनंता। कीर्तन गायन कर संगत को मंत्रमुग्ध कर दिया कार्यक्रम का संचालन सतपाल सिंह मीत ने किया। दीवान की समाप्ति के उपरान्त हरमिंदर सिंह टीटू और कुलदीप सिंह सलूजा की देखरेख में दशमेश सेवा सोसाइटी के सदस्यों द्वारा गुरू का लंगर श्रद्धालुओं में वितरित किया गया।
रिपोर्ट-दया शंकर चौधरी