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विदेश मंत्रालय के सचिव ने पूर्वी एशिया समिट में लिया हिस्सा

नई दिल्ली। विदेश मंत्रालय के सचिव (पूर्व) जयदीप मजूमदार ने 7-8 जून को वियनतियाने, लाओ पीडीआर में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक (ईएएस एसओएम) और आसियान क्षेत्रीय मंच वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक (एआरएफ एसओएम) में भारत का प्रतिनिधित्व किया। इस दौरान उन्होंने एक स्वतंत्र, खुले, समावेशी और नियम-आधारित इंडो-पैसिफिक के महत्व पर जोर दिया।

विदेश मंत्रालय के सचिव ने पूर्वी एशिया समिट में लिया हिस्सा

ईएएस एसओएम की अध्यक्षता लाओ पीडीआर के उप विदेश मंत्री थोंगफेन सावनफेट ने की। 18 ईएएस सहभागी देशों (10 आसियान सदस्य देश और आसियान के 8 संवाद साझेदार अर्थात् ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, न्यूजीलैंड, आरओके, रूस और अमेरिका) और तिमोर-लेस्ते के समकक्षों ने ईएएस एसओएम में भाग लिया।

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा चर्चा किए गए मुख्य मुद्दों में नेताओं के नेतृत्व वाले ईएएस मंच को मजबूत करना, इंडो-पैसिफिक (एओआईपी) पर आसियान आउटलुक का कार्यान्वयन और दक्षिण चीन सागर, गाजा, कोरियाई प्रायद्वीप, म्यांमार और यूक्रेन की स्थिति जैसे क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दे शामिल थे। सचिव (पूर्व) ने अपने संबोधन में इंडो-पैसिफिक में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख तंत्र के रूप में ईएएस द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।

विदेश मंत्रालय के सचिव ने पूर्वी एशिया समिट में लिया हिस्सा

मजूमदार ने आतंकवाद से उत्पन्न खतरों के बारे में भारत की चिंता को साझा किया और इस संबंध में सामूहिक कार्रवाई का आह्वान किया। उन्होंने बैठक से इतर जापानी दूत हयाशी मकोतो से मुलाकात की, जो जापान के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक (एसओएम) के नेता और आसियान के साथ सहयोग के प्रभारी राजदूत हैं। उन्होंने द्विपक्षीय और क्षेत्रीय ढांचे के तहत भारत और जापान के बीच सहयोग के मामलों पर चर्चा की।

मंत्रालय के अनुसार इससे पहले सचिव (पूर्व) ने कंबोडिया के विदेश मामलों और अंतरराष्ट्रीय सहयोग सचिव तथा एसओएम नेता राजदूत कुंग फोक से भी मुलाकात की, जिस दौरान दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच संबंधों को बेहतर बनाने और आसियान ढांचे के भीतर अधिक प्रभावी ढंग से मिलकर काम करने के तरीकों पर चर्चा की।

मजूमदार ने वियतनाम, ऑस्ट्रेलिया, फिलीपींस और यूरोपीय संघ के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं, जिस दौरान द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा की गई और क्षेत्र पर दृष्टिकोण साझा किए गए।

रिपोर्ट-शाश्वत तिवारी

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