खाने-पीने की वस्तुओं और खासकर फल-सब्जियों की कीमतों में वृद्धि से खुदरा महंगाई मई, 2024 में एक बार फिर बढ़कर 5.14 फीसदी पर पहुंच सकती है। अगर ऐसा हुआ तो यह दिसंबर, 2023 के बाद इसका पांच महीने का उच्च स्तर होगा। उस समय खुदरा महंगाई 5.69 फीसदी रही थी। अप्रैल में यह घटकर 11 महीने के निचले स्तर 4.83 फीसदी पर आ गई थी।
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी (सीएमआईई) के मुताबिक, देश के कई हिस्सों में बढ़ते तापमान ने सब्जियों और फलों की फसल को प्रभावित किया है। इससे खाद्य महंगाई मई में बढ़कर 9.1 फीसदी के स्तर पर पहुंच सकती है, जो अप्रैल में 8.7 फीसदी रही थी। इसका असर कुल महंगाई पर देखने को मिल सकता है। सरकार बुधवार को खुदरा महंगाई के आंकड़े जारी कर सकती है। मुख्य महंगाई (खाद्य औ ऊर्जा को छोड़कर) भी 3.3 फीसदी से बढ़कर मई में 3.5 फीसदी पहुंच सकती है।
फलों-सब्जियों की कीमतों में वृद्धि
सीएमआईई के मुताबिक, फलों और सब्जियों की महंगाई दर में करीब दो फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है। इससे मई में फलों की महंगाई अप्रैल के 3.5 फीसदी से बढ़कर 5.5 फीसदी पहुंच सकती है। क्रमिक रूप से फलों की कीमतें पिछले महीने 2.5 फीसदी बढ़ी हैं।
सब्जियों की महंगाई दर भी मई में बढ़कर 30 फीसदी के आसपास पहुंच सकती है, जो अप्रैल में 27.7 फीसदी रही थी। पिछले महीने सब्जियों के दाम मासिक आधार पर 5.2 फीसदी बढ़े हैं।
आलू, फूलगोभी और पत्तागोभी की कीमतों में भी मासिक आधार पर भारी वृद्धि देखने को मिली है।