वैश्विक सोने की मांग अप्रैल-जून तिमाही में 4.16 प्रतिशत बढ़कर 1,258.2 टन हो गई। विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) ने मंगलवार को एक रिपोर्ट में यह बात कही। डब्ल्यूजीसी की ‘दूसरी तीमाही 2024 सोना मांग रुझान’ रिपोर्ट के अनुसार, 2023 की दूसरी तिमाही में कुल मांग 1,207.9 टन थी जो 2024 में बढ़कर 1,258.2 टन हो गई।
आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-जून तिमाही में मांग को ‘ओवर-द-काउंटर’ (ओटीसी) लेनदेन से समर्थन मिला, जो पिछले वर्ष की तुलना में 53 प्रतिशत बढ़कर 329 टन हो गया। ‘ओवर-द-काउंटर’ लेनदने से तात्पर्य दो पक्षों के बीच सीधे लेनदेन से है।
रिपोर्ट में कहा गया, इसके साथ ही समीक्षाधीन तिमाही में सोने की कीमतों में भी सालाना आधार पर 18 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो औसतन 2,338 डॉलर प्रति औंस रही। तिमाही के दौरान यह 2,427 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर पर भी पहुंच गई।
इसमें कहा गया, ओटीसी मांग में वृद्धि, केंद्रीय बैंकों की ओर से निरंतर खरीद, तथा ईटीएफ निकासी में कमी के कारण इस वर्ष दूसरी तिमाही में सोने की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गईं।समीक्षाधीन तिमाही में वैश्विक स्वर्ण ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) में सात टन की मामूली निकासी देखी गई।
डब्ल्यूजीसी की वरिष्ठ बाजार विश्लेषक लुईस स्ट्रीट ने कहा कि केंद्रीय बैंकों और ओटीसी बाजार की मजबूत मांग के कारण सोने की बढ़ती और रिकॉर्ड तोड़ने वाली कीमत सुर्खियों में रही।
उन्होंने कहा, ‘‘…. भविष्य में सोने के लिए कुछ संभावित चुनौतियां हैं, लेकिन वैश्विक बाजार में भी बदलाव हो रहे हैं, जिससे सोने की मांग को समर्थन और बढ़ावा मिलेगा।’’