भुवनेश्वर। ओडिशा के पारादीप बंदरगाह पर लंगर डाले हुए मिस्र के एक जहाज को जब्त कर लिया गया है। एक अधिकारी ने बताया कि उड़ीसा उच्च न्यायालय के आदेश के बाद यह कार्रवाई की गई है। उन्होंने बताया कि जहाज 6 अगस्त को पारादीप बंदरगाह पर पहुंचा था। इस जहाज पर जर्मनी की एक कंपनी का 3.96 करोड़ रुपये बकाया था। कर्ज का भुगतान न करने पर ओडिशा उच्च न्यायालय के आदेश पर जहाज को जब्त कर लिया गया।
पाकिस्तान सरकार ने पहली बार मानी इंटरनेट में गड़बड़ी की बात, रिपोर्ट्स में किया जा रहा दावा
क्या है मामला ?
कम सल्फर वाली समुद्री गैस तेल के परिवहन से संबंधित एक जर्मन कंपनी ने ओडिशा उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर जहाज को हिरासत में लेने की अपील की थी। इस पर उच्च न्यायालय ने बीती 14 अगस्त को जहाज को हिरासत में लेने का आदेश दिया। अदालत के आदेश के बाद जहाज को जब्त कर लिया गया। समुद्री परिवहन कानून के तहत किसी जहाज को जहाज के स्वामित्व, निर्माण, कब्जे, प्रबंधन और संचालन संबंधी दावों के तहत जब्त किया जा सकता है।
बांग्लादेश में हिंदुओं के उत्पीड़न के विरोध में सड़क पर उतरे लोग, केंद्र से हस्तक्षेप करने की मांग
अधिकारी ने बताया कि हिरासत की निगरानी के लिए स्थानीय अदालत के एक वरिष्ठ न्यायाधीश को एडमिरल नियुक्त किया गया है। अदालत के आदेश के अनुसार, जहाज को अगले नोटिस तक हिरासत में रखा जाएगा। जहाज – एमवी वादी अलबोस्तान – पारादीप बंदरगाह से 55,000 मीट्रिक टन लौह अयस्क लेकर चीन जा रहा था। मिस्त्र के जहाज को जब्त करने की यह पारादीप बंदरगाह पर बीते चार महीने में तीसरी घटना है।