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रानिल विक्रमासिंघे को मिला 30 पार्टियों के गठबंधन का समर्थन, राष्ट्रपति पद की दावेदारी हुई मजबूत

श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे को शुक्रवार को 30 से ज्यादा राजनीतिक दलों के महागठबंधन ने समर्थन देने का एलान किया है। श्रीलंका में अगले महीने ही राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान होना है। राष्ट्रपति पद की रेस में रानिल विक्रमसिंघे फिलहाल सबसे आगे चल रहे हैं। 75 वर्षीय विक्रमसिंघे ने गुरुवार को राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन किया। विक्रमसिंघे बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं।

राजपक्षे परिवार ने भी समर्थन देने का एलान किया
रानिल विक्रमसिंघे को श्रीलंका पोडुजना पेरामुना पार्टी (एसएलपीपी) से अलग हुए राजपक्षे परिवार ने भी समर्थन देने का एलान किया है। श्रीलंका में पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के शासनकाल में गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा था। जिसके बाद श्रीलंका में विद्रोह हुआ और गोटबाया राजपक्षे को राष्ट्रपति पद छोड़ना पड़ा। इसके बाद रानिल विक्रमसिंघे को श्रीलंका का अस्थायी राष्ट्रपति चुना गया। विक्रमसिंघे के नेतृत्व में श्रीलंका की अर्थव्यवस्था संकट से निकलती दिखी है।

एसएलपीपी ने विक्रमसिंघे को राष्ट्रपति बनने के लिए संसदीय समर्थन दिया है, लेकिन दिवालिया अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए मौजूदा राष्ट्रपति के कठोर सुधारों को मंजूरी नहीं दी। एसएलपीपी ने विक्रमसिंघे के खिलाफ 38 वर्षीय नमल राजपक्षे को मैदान में उतारा है। विक्रमसिंघे ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के नेतृत्व में कठोर सुधार कार्यक्रम शुरू किया था। विक्रमसिंघे ने महागठबंधन का समर्थन मिलने पर कहा कि ‘मैं उन लोगों का आभारी हूं जिन्होंने इस कठिन कार्य को संभालने में मेरा साथ दिया।’

विपक्ष का आईएमएफ के सौदे में बदलाव का एलान
विक्रमसिंघे ने निर्वाचित होने के बाद से ही आईएमएफ द्वारा आवश्यक कठोर आर्थिक सुधारों को लागू किया, जिससे उन्हें चार वर्षों में लगभग 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर की बेल-आउट राशि प्राप्त हुई। कठोर सुधारों से श्रीलंका की अर्थव्यवस्था में स्थिरता आई है, हालांकि विपक्ष ने कहा कि आईएमएफ सौदे के कारण उत्पन्न आर्थिक कठिनाइयों ने जनता को मुश्किल में डाल दिया है। विपक्ष ने जनता को राहत प्रदान करने के लिए आईएमएफ कार्यक्रम पर फिर से बातचीत करने का वादा किया है। विक्रमसिंघे के मुख्य प्रतिद्वंद्वी कभी उनके डिप्टी रहे सजित प्रेमदासा और मार्क्सवादी जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) के नेता अनुरा कुमारा दिसानायके हैं।

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