न्यूयॉर्क। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पी. हरीश ने बुधवार को यहां यूएन मुख्यालय में अफगानिस्तान के मुद्दे पर हुई यूएनएससी की तिमाही बैठक में भारत का वक्तव्य दिया। इस दौरान उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत अफगानिस्तान में स्थिरता और शांति बनाए रखने के लिए क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रयासों में सक्रिय रूप से शामिल है।
न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल से एक पोस्ट में लिखा यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश ने अफगानिस्तान पर यूएनएससी की तिमाही बैठक में भारत का वक्तव्य दिया।
भारत ने अफगानिस्तान में मादक पदार्थों के खिलाफ और निजी क्षेत्र को सक्षम बनाने पर यूएनएएमए के दो कार्य समूहों में भी भाग लिया है। यूएनएससी के प्रस्ताव 2593 (2021) में मांग की गई थी कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी भी देश को धमकाने या हमला करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
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मिशन के अनुसार भारतीय राजदूत ने बैठक में कहा विकास साझेदारी में अफगानिस्तान के सभी प्रांतों में फैली 500 से ज़्यादा परियोजनाएं शामिल हैं। भारत ने महामारी के दौरान 27 टन राहत सामग्री, 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं, 40 हज़ार लीटर कीटनाशक, 300 टन से अधिक चिकित्सा आपूर्ति और कोविड वैक्सीन की 1.5 मिलियन खुराक पहुंचाईं।
इसके साथ ही हरीश ने चाबहार बंदरगाह के विकास को एक दीर्घकालिक व्यवस्था बताया। इसके अलावा उन्होंने बताया कि भारत की ओर से अफगान छात्रों के लिए छात्रवृत्ति योजना जारी है और अगस्त 2021 से 300 छात्राओं सहित 2260 अफगान छात्रों को नए एडमिशन दिए गए हैं।
रिपोर्ट-शाश्वत तिवारी