बांग्लादेश में हुए राजनीतिक उथर पुथल के बाद बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) में भी कुछ ठीक नहीं चल रहा है। सोमवार को बीसीबी के निदेशक जलाल यूनुस ने पद से इस्तीफा दे दिया था। इस राजनीतिक उथल-पुथल के बाद बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड में और भी बड़े बदलाव की प्रबल संभावना है। वहीं, मुख्य कोच चंडिका हथुरुसिंघा पर भी खतरे के बादल मंडराने लगे हैं। पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट सीरीज से पहले उनके बयान ने इसके संकेत दिए हैं। अगर ऐसा होता है तो बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड की हालत कुछ हद तक पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड जैसी हो जाएगी। पीसीबी पिछले कुछ वर्षों से शीर्ष स्तर पर इसी तरह की संकट झेल रहा है। आए दिन वहां राजनीतिक उथल पुथल होने पर पीसीबी के अध्यक्ष से लेकर टीम डायरेक्टर, कोच और कप्तान सब बदल दिए जाते हैं। आइए पूरा मामला जानते हैं…
बांग्लादेश के मुख्य कोच चंडिका हथुरुसिंघा ने कहा है कि देश में हाल ही में हुए राजनीतिक उथल-पुथल के बावजूद वह पुरुष राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के साथ 2025 तक अपना अनुबंध तक पूरा करने के इच्छुक हैं। श्रीलंका के 55 वर्षीय हथुरुसिंघा ने सोमवार को रावलपिंडी में कहा, ‘मैंने जो भी तारीख हैं, उस तक के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं और मैं उस अवधि को पूरा करने के लिए उत्सुक हूं। अगर बोर्ड बदलता है और नए लोग बदलाव करना चाहते हैं, तो मुझे इससे कोई दिक्कत नहीं है। अगर वे चाहते हैं कि मैं पद पर बरकरार रहूं, अगर वे मेरे से खुश हैं तो मुझे इससे कोई दिक्कत नहीं है।’
उन्होंने यह भी कहा कि उनकी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं उन परिवारों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है। हथुरुसिंघा बुधवार से रावलपिंडी क्रिकेट स्टेडियम में पाकिस्तान के खिलाफ शुरू हो रही दो मैचों की टेस्ट सीरीज के शुरुआती मैच के लिए अपनी टीम को तैयार कर रहे हैं। श्रीलंका के पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर हथुरुसिंघा को 2023 की शुरुआत में दो साल के अनुबंध पर बांग्लादेश का सभी प्रारूप का कोच नियुक्त किया गया था। यह 2014-17 के बाद बांग्लादेश के कोच के रूप में हथुरुसिंघा का यह दूसरा कार्यकाल है। उन्होंने इस बीच श्रीलंका को भी कोचिंग दी।