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’63 साल में राष्ट्रीय योगदान करीब 5% घटा’; PM की आर्थिक सलाहकार परिषद ने जताई चिंता

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद् (EAC-PM) ने कहा है कि पश्चिम बंगाल की अर्थव्यवस्था में बीते कई दशकों से बुरा दौर देखा जा रहा है। परिषद के मुताबिक राज्य के सापेक्ष आर्थिक प्रदर्शन में निरंतर गिरावट चिंताजनक है। परिषद के सदस्य संजीव सान्याल ने राज्यों की अर्थव्यवस्था पर तुलनात्मक पेपर लिखा है। उन्होंने 1960-61 से 2023-24 के बीच राज्यों की आर्थिक स्थिति पर टिप्पणी की है।

इसके मुताबिक देश के पूर्वी हिस्सों का विकास चिंता का सबब बना हुआ है। समुद्री तट पर बसे राज्यों ने पश्चिम बंगाल को छोड़कर अन्य राज्यों की तुलना में काफी बेहतर प्रदर्शन किया है। परंपरागत रूप से पिछड़ रहे राज्य ओडिशा की स्थिति में हाल के वर्षों में उल्लेखनीय सुधार देखा गया है।

राष्ट्रीय स्तर पर घटा बंगाल की जीडीपी का योगदान

1960-61 में देश की जीडीपी में पश्चिम बंगाल का योगदान 10.5 फीसदी थी। इस समय राष्ट्रीय स्तर पर योगदान के मामले में राज्य का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) देश में तीसरे स्थान पर था। करीब छह दशकों से अधिक समय बीतने के बाद साल 2023-24 में बंगाल की जीडीपी का योगदान घटकर 5.6 फीसदी रह गया है।

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प्रति व्यक्ति आय के मामले में कहां है बंगाल

सान्याल के शोध पत्र के मुताबिक पश्चिम बंगाल में लगभग 63 साल पहले (1960-61) में प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से 127.5 फीसदी अधिक थी। हालांकि, बाद के वर्षों में राज्य के आर्थिक विकास की गति राष्ट्रीय रुझानों के साथ तालमेल बिठाने में नाकाम रही।

2023 में राष्ट्रीय स्तर पर बंगाल की प्रति व्यक्ति आय घटकर 83.7 फीसदी रह गई। यह आंकड़ा राजस्थान और ओडिशा जैसे पारंपरिक रूप से पिछड़ रहे राज्यों से भी नीचे है। भारत के पश्चिमी और दक्षिणी क्षेत्रों ने 1960-61 से 2023-24 तक देश के अन्य हिस्सों की तुलना में उल्लेखनीय रूप से बेहतर प्रदर्शन किया है।

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