अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में सकारात्मक कारोबारी परिदृश्य के बीच देश में अगले कैलेंडर वर्ष यानी 2025 में कर्मचारियों का औसत वेतन 9.5 फीसदी बढ़ सकता है। वहीं, मौजूदा कैलेंडर वर्ष में औसत वेतन वृद्धि 9.3 फीसदी हो सकती है। वैश्विक पेशेवर सेवा फर्म एऑन पीएलसी के सर्वेक्षण के मुताबिक, इंजीनियरिंग, विनिर्माण एवं खुदरा उद्योगों में 10 फीसदी वेतन वृद्धि हो सकती है।
इसके बाद वित्तीय संस्थानों में कर्मचारियों का वेतन औसतन 9.9 फीसदी बढ़ सकती है। हालांकि, 2024 की शुरुआत प्रौद्योगिकी क्षेत्र के लिए सतर्कता के साथ हुई थी, लेकिन वैश्विक क्षमता केंद्रों और प्रौद्योगिकी उत्पादों एवं मंचों के कर्मचारियों को क्रमशः 9.9 फीसदी व 9.3 फीसदी की वेतन वृद्धि मिल सकती है।
चुनौतियों के बावजूद सकारात्मक कारोबारी परिदृश्य
एऑन में भागीदार रूपांक चौधरी ने कहा, वैश्विक चुनौतियों के बावजूद हमारा अध्ययन भारत में सकारात्मक कारोबारी परिदृश्य को दर्शाता है। यह धारणा स्थानीय बाजार के दम पर आगे बढ़ने वाले कई क्षेत्रों में जारी है। यह विनिर्माण, खुदरा उद्योगों में अनुमानित वेतन वृद्धि से साफ होती है।
16.9 फीसदी कर्मचारियों ने इस साल छोड़ी नौकरी
रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल औसतन 16.9 फीसदी कर्मचारियों ने नौकरी छोड़ी। 2023 में यह अनुपात 18.7 फीसदी और 2022 में 21.4 फीसदी था। एऑन के सह निदेशक (प्रतिभा समाधान) तरुण शर्मा ने कहा, नौकरी छोड़ने की दर में आई नरमी कंपनियों को आंतरिक विकास, क्षमता निर्माण और दीर्घकालिक उत्पादकता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने का एक अनूठा अवसर मुहैया कराती है।