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धर्मेंद्र की पहली पत्नी प्रकाश से कभी नहीं मिली हेमा मालिनी, बोलीं- ‘मैं उनका सम्मान करती हूं’

बॉलीवुड की ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी (Dream Girl Hema Malini) का आज जन्मदिन है। आज भी हेमा उतनी ही सुंदर और आकर्षक हैं, जितनी वह कुछ दशक पहले दिखा करती थीं। हेमा की अदाकारी और शास्त्रीय नृत्य आज भी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देता हैं। आज भी हेमा के प्रशंसक उनकी फिल्मों को देखना पसंद करते हैं। हेमा आज भी बॉलीवुड फिल्मों में सक्रिय हैं। हेमा ने अपने जीवन में कई कठिन फैसले भी लिए। हेमा ने धर्मेंद्र से शादी की, जबकि उनकी पत्नी प्रकाश कौर (Prakash Kaur) और चार बच्चे पहले से ही थे।

धर्मेंद्र की पहली पत्नी प्रकाश से कभी नहीं मिली हेमा मालिनी, बोलीं- 'मैं उनका सम्मान करती हूं'

हेमा मालिनी-धर्मेंद्र की जोड़ी

हेमा मालिनी और धर्मेंद्र की जोड़ी दर्शकों की पसंदीदा जोड़ी है। आज भी प्रशंसक उन्हें एक साथ ऑफस्क्रीन और ऑनस्क्रीन देखकर खुश हो जाते हैं। हेमा और धर्मेंद्र की जिंदगी से जुड़ा एक किस्सा आपको बताते हैं। दरअसल, हेमा, धर्मेंद्र की पहली पत्नी प्रकाश कौर (Prakash Kaur) से कभी इसलिए नहीं मिली क्योंकि वह किसी को परेशान नहीं करना चाहती थीं, वह बस धर्मेंद्र द्वारा उनसे शादी करने के बाद उन्हें जो कुछ भी प्यार, सम्मान और खुशी मिली, वह उससे काफी संतुष्ट थीं। उन्होंने यह भी कहा कि वह कभी भी धरमजी की पहली पत्नी प्रकाश कौर के बारे में बात नहीं करती हैं, लेकिन उनका बहुत सम्मान करती हैं।

कभी धर्मेंद्र की पहली पत्नी से नहीं मिली हेमा

हेमा कभी भी धर्मेंद्र के घर नहीं गईं और ना ही उनकी पहली पत्नी से कभी मिलीं। वह अपनी बेटियों के साथ अकेली रहीं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पत्रकार-फिल्म निर्माता राम कमल मुखर्जी द्वारा लिखी गई अपनी जीवनी ‘हेमा मालिनी: बियॉन्ड द ड्रीम गर्ल’ में इस बारे में बात की थी। उन्होंने धर्मेंद्र के घर न जाने की वजह बताते हुए कहा था कि वह कभी भी धर्मेंद्र की पहली पत्नी प्रकाश कौर से क्यों नहीं मिलीं।

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उन्होंने कहा कि वह प्रकाश कौर से इसलिए नहीं मिली क्योंकि वह धर्मेंद्र की फैमिली में कोई दिग्गत पैदा नहीं करना चाहती थीं। हेमा ने कहा, ”मैं किसी को नाराज नहीं करना चाहती थी, जो भी कुछ धर्मेंद्र जी ने मेरे और मेरी बेटियों के लिए किया है, जिससे मैं बहुत खुश हूं। उन्होंने एक अच्छे पिता होने का फर्ज निभाया है, जैसा कि कोई भी पिता करता है। आज मैं एक कामकाजी महिला हूं और मैं अपनी गरिमा बनाए रखने में सक्षम हूं क्योंकि मैंने अपना जीवन कला और संस्कृति को समर्पित कर दिया है।”

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