शिमला। बीएड की तर्ज पर एचपीयू चार साल का इंटीग्रेटेड टीचर्स एजुकेशन प्रोग्राम (आईटीईपी) करवाने की तैयारी में है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शिक्षक बनने के लिए नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन ने नया कोर्स तैयार किया है। इंटीग्रेटेड टीचर्स एजुकेशन प्रोग्राम (आईटीईपी) कोर्स को एचपीयू का शिक्षा विभाग जल्द शुरू कर सकता है। इस चार साल के कोर्स को शुरू करने के लिए विवि ने एनसीटीई के पास आवेदन किया है।
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कोर्स चलाने के लिए अनुमति मिलते ही विभाग चार वर्षीय एकीकृत कोर्स को शिक्षक बनने के लिए शुरू कर सकता है। विभाग की ओर से मांगी अनुमति के बाद एनसीटीई ने प्रदेश सरकार के शिक्षा विभाग से एनओसी मांगी है। यह कोर्स स्कूलों में शिक्षक बनने की पात्रता को बीएड की तरह ही पूरा करेगा। इस कोर्स में जमा दो उत्तीर्ण विद्यार्थी प्रवेश के लिए पात्र होंगे। इसके लिए प्रवेश परीक्षा होगी। इस एकीकृत कोर्स में बीए-बीएड, बीएससी बीएड और बीकॉम-बीएड की चार साल की डिग्री मिलेगी।
एकीकृत कोर्स शुरु होने से और इसमें जमा दो के बाद प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को शिक्षक बनने की पात्रता पूरी करने के लिए एक साल की कमी पढ़ाई करनी होगी। अभी शिक्षक के लिए पात्रता पूरी करने को छात्रा को जमा के बाद तीन साल की स्नातक डिग्री करनी पड़ती है। इसके बाद शिक्षक बनने के लिए दो साल का बीएड कोर्स होता है।
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इसमें पांच साल लग जाते हैं। नया कोर्स शुरू होने से विद्यार्थी इसे चार साल में पूरा कर सकेंगे। इस एकीकृत कोर्स के शुरू होने से प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी अब चार में ही शिक्षक बनने के लिए पात्र हो जाएंगे।
सिर्फ एचपीयू पूरी कर रहा कोर्स चलाने की शर्त
फिलहाल, प्रदेश भर के निजी और सरकारी कॉलेजो में 2030 तक बीएड कोर्स पहले की तरह जारी रहेगा। एचपीयू के अलावा अन्य सरकारी और निजी, संबद्ध कॉलेज आईटीईपी के चार साल के इस कोर्स के लिए आवश्यक तय की शर्तों को पूरा नहीं कर पाएंगे।