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कैंसर के इलाज के बाद दोबारा क्यों होता है? जानिए एक्सपर्ट की राय

ज्यादातर लोगों में पाया गया है कि कैंसर का इलाज करवाने के बाद कैंसर बढ़ने लगता है। इससे पता चलता है कि कैंसर की कोशिकाएं दोबारा तो नहीं उभर रही हैं। कैंसर जब पूरा इलाज होने के बाद भी पैशेंट डॉक्टर के पास जाते हैं, तो उन्हें दोबारा कैंसर डर रहता है। जबकि कैंसर का इलाज पूरा हो जाता है फिर भी कैंसर होने का क्या कारण है। आइए आपको बताते हैं।
दोबारा कैंसर होने के क्या कारण है?
कैंसर सेल्स का रह जाना
एक्सपर्ट के मुताबिक कीमोथेरेपी, रेडिएशन और सर्जरी के बाद भी कुछ सेल्स शरीर में जरुर रह जाते हैं। समय के साथ यह सेल्स फिर से बढ़ने लगते हैं और दोबारा कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है।
कैंसर का टाइप
कई केसेज में पाया गया है कि दुर्लभ कैंसर होने पर इसके लौटने की संभावना काफी बढ़ जाती है। जिन रोगियों को ग्लिओब्लास्टोमा (दिमाग या रीढ़ की हड्डी) कैंसर में दोबारा कैंसर होने की संभावना 90 फीसदी तक हो सकती है। सफल इलाज के बाद भी 85% मामलों में ओवेरियन कैंसर दोबारा हो सकता है।
सही इलाज न होना
कई बार होता है कि सही इलाज होने के कारण यह भी देखा जाता है कि लोगों का पहली बार कैंसर का इलाज सही से नहीं होता है, जिसके बाद दोबारा कैंसर बढ़ने लगता है।
दोबारा कैंसर होने के लक्षण
– वजन कम होना या बढ़ना।
– आराम करने के बाद भी थकान महसूस होती है।
– गांठ बनना।
– सूजन होना।
– पाचन में कोई बड़ा बदलाव होता है।
इलाज में क्या करें
अगर आप दोबारा कैंसर न हो, इससे बचना चाहते हैं, तो आप डॉक्टर कीमोथेरेपी, रेडिएशन, इम्यूनोथेरेपी या टारगेट थेरेपी कराने की सलाह देते हैं। जितना जल्दी हो सके कैंसर के सेल्स को खत्म किया जाएं और मरीज की जिंदगी की गुणवत्ता में सुधार हो जाएगा।

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