बेलगावी: कर्नाटक सरकार के सरकारी ठेकों में मुसलमानों के लिए चार फीसदी आरक्षण की सार्वजनिक घोषणा का भाजपा विरोध करेगी। कर्नाटक भाजपा के अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र (B Y Vijayendra) ने कहा कि उनकी पार्टी राज्य विधानसभा के अंदर और बाहर राज्य सरकार के फैसले का विरोध करेगी। सरकार का यह निर्णय असांविधानिक है।
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भाजपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि कर्नाटक की सरकार कागजी शेर बनकर रह गई है। इसका कोई विकास नहीं हुआ है और इसका ध्यान केवल अल्पसंख्यकों के तुष्टिकरण पर है। मुख्यमंत्री ने सात मार्च को अपने 16वें बजट में सरकारी निविदाओं में मुस्लिम ठेकेदारों को चार प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा की है। शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक में भी इस संबंध में निर्णय लिया गया। यह निर्णय असांविधानिक है।
उन्होंने कहा कि संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण का कोई उल्लेख नहीं है। यह फैसला धर्मों के बीच दरार डालने की साजिश है। यह बेहद दुखद है कि मुख्यमंत्री भी इसमें शामिल हैं। भाजपा इस तुष्टीकरण की राजनीति की कड़ी निंदा करती है। पार्टी राज्य विधानसभा के अंदर और बाहर दोनों जगह सरकार के इस अलोकतांत्रिक रुख के खिलाफ लड़ेगी और विरोध करेगी।
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इसके बाद एक्स पर एक पोस्ट में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने लिखा कि आज चार प्रतिशत, कल 100 प्रतिशत। यह नया सरकारी जिहाद है। जिसे सिद्धारमैया सरकार हिंदुओं पर थोप रही है और एससी, एसटी और ओबीसी के खिलाफ व्यवस्थित भेदभाव कर रही है। यह वक्फ बोर्ड के माध्यम से भूमि जिहाद, राष्ट्र विरोधी जिहाद, विधान सौधा के अंदर पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने के अलावा कांग्रेस के मंत्रियों का समर्थन प्राप्त करते हैं।
उन्होंने कहा कि आर्थिक जिहाद वक्फ बोर्ड और मुस्लिम कल्याण के लिए अनुचित धन आवंटित किया जाता है, जबकि उसी समय – एससी/एसटी को उनके कल्याण के लिए निर्धारित धन को डायवर्ट करके लूटा जा रहा है। यह मुस्लिम तुष्टिकरण की हद है जो कर्नाटक कांग्रेस सरकार संविधान द्वारा निर्धारित लोकतंत्र के सिद्धांतों के खिलाफ कर रही है।