
कन्नड़ सिनेमा के पावर स्टार कहे जाने वाले अभिनेता पुनीत राजकुमार कर्नाटक के एक मशहूर अभिनेता थे, जिन्हें करोड़ों लोग आज भी याद करते हैं। अभिनेता का 29 अक्टूबर, 2021 को 46 वर्ष की कम उम्र में निधन हो गया। पुनीत की मौत हार्ट अटैक से हुई थी। मौत की खबर सामने आते ही सरकार ने पूरे बेंगलुरु शहर में धारा 144 लगा दी और शराब की बिक्री दो दिन के लिए रोक दी थी। आज वह भले ही हमारे साथ नहीं हैं, लेकिन उनके फैंस पूरी दुनिया में आज भी है। उन्होंने जितना नेम-फेम अपने एक्टिंग करियर से हासिल किया, उससे ज्यादा सुर्खियों वह अपने नेक काम को लेकर रहे हैं।
रियल लाइफ हीरो था ये साउथ सुपरस्टार
पुनीत कन्नड़ के हाईएस्ट पेड एक्टर भी थे, जिनकी 14 फिल्में लगातार 100 दिनों तक थिएटर में लगी रहीं। एक्टर रियल लाइफ में भी बहुत दरियादिल थे। वे समाजसेवा के लिए 26 अनाथ आश्रम और गरीब बच्चों के लिए 46 फ्री स्कूल चला रहे थे। पुनीत ने अपनी आंखें दान की थीं। उनके मरने के बाद पूरे कर्नाटक में 1 लाख लोगों ने अपनी आंखें दान कर दीं क्योंकि वो पुनीत के रास्ते पर चलना चाहते थे। उन्होंने फिल्म ‘प्रेमदा कनिके’ से अपने फिल्मी करियर की शुरूआत की थी। कई फिल्मों में उन्होंने चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर काम किया था। 6 महीने की उम्र में बड़े पर्दे पर नजर आया ये सुपरस्टार आज हमारे बीच नहीं है, लेकिन उनके अच्छे कामों की वजह से वे हमेशा लोगों के दिलों में जिंदा रहेंगे। 2019 में उत्तरी कर्नाटक में बाढ़ आई थी। इस कठिन समय में लोगों की मदद करने के लिए पुनीत राजकुमार आगे आए थे। वहीं दूसरी बार, कोरोना महामारी में उन्होंने 50 लाख रुपए कर्नाटक सरकार के रिलीफ फंड में दिए थे। साथी पुनीत 46 फ्री स्कूल, 26 अनाथ आश्रम, 16 वृद्धाश्रम और 19 गौशाला का संचालन करते थे। इसके अलावा वो कई कन्नड़ भाषी स्कूलों काे आर्थिक मदद भी देते थे।
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10 साल की उम्र में मिला पहला नेशनल अवॉर्ड
जब पुनीत राजकुमार 10 साल के थे, तब उन्हें नेशनल अवॉर्ड से नवाजा गया था। ये अवॉर्ड उन्हें फिल्म ‘बेट्टदा हूवु’ के लिए मिला था। इसमें वो बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट नजर आए थे। साथ ही फिल्म को बेस्ट कन्नड़ फिल्म का नेशनल अवॉर्ड, तीन फिल्मफेयर अवॉर्ड साउथ और दो कर्नाटक स्टेट फिल्म अवॉर्ड मिला था। खात बात यह थी कि पुनीत सिंगर और टीवी प्रेजेंटर भी थे। उनके फैंस के लिए खुशी की बात यह थी कि वो 2008 और 2009 में IPL टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के ब्रांड एंबेसडर थे। वहीं पुनीत के पिता राजकुमार कन्नड़ के पहले ऐसे एक्टर थे, जिन्हें दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड से नवाजा गया था।