अमेठी। केद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने सियासी महाराजाओं की अमेठी में अहंकार, घमंड की उस लंका को जला कर राख कर दिया जहां पर अमेठी की भोली भाली जनता को गुलाम समझा जाता था।
सियासी नामदारो और इनके नौकरों में
अमेठी में सब का साथ लेकर स्मृति ने 5 साल संर्घष किया और अमेठी को अपनी जागीर एंव चारागाह समझने वालों की विदाई कर दी। इन सियासी नामदारो और इनके नौकरों में इतना अहम था कि अमेठी के लोग जब इनसे मिलने जाते थे, उन्हें तपतपाती धूप में खड़ा करते थे। मानों जैसे लोग उनसे भीख मांगने गये है।
सांसद निधि की जांच कराने
सियासी महाराजाओं की अमेठी से विदाई होने से आम आदमी खुश नजर आ रहा है। लोगों का कहना है अच्छा हुआ, इसकी बहुत जरूरत थी। अमेठी किसी की जागीर नही है। अमेठी की जनता ने मोदी सरकार और योगी सरकार से सांसद निधि की जांच कराने की मांग की है।