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पिछले 5 वर्ष के दौरान नरेंद्र मोदी देते हैं इन तीन अधिकारियों को हमेशा अहमियत… 

पीएम नरेंद्र मोदी को नौकरशाही से बेहतर तालमेल के लिए जाना जाता रहा है. गुजरात में मुख्यमंत्री के तौर पर उनका लंबा कार्यकाल रहा हो या फिर पीएम के तौर पर पिछले 5 वर्ष का वक्त, उन्होंने हमेशा अधिकारियों को अहमियत पर रखा है.पीएम मोदी की पुरानी पसंद हैं नृपेंद्र मिश्र
यूपी कैडर के 1967 बैच के आईएएस अधिकारी नृपेंद्र मिश्र पीएमओ के सबसे बड़े ऑफिसर हैं  उन्हें कैबिनेट रैंक दी गई है. पीएम के प्रधानाचार्य सेक्रटरी के तौर पर मोदी की ज्यादातर पसंदीदा स्कीमों की वह निगरानी करते हैं. पहले कार्यकाल से ही नृपेंद्र मिश्र पीएम नरेंद्र मोदी के पसंदीदा ऑफिसर हैं. पीएमओ से मंत्रालयों  प्रदेश सरकार के बीच तालमेल की वह अहम कड़ी हैं. हार्वर्ड केनेडी स्कूल ऑफ सरकार  इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के विद्यार्थी रहे नृपेंद्र मिश्र नौकरशाही के साथ ही पॉलिटिक्स की भी महत्वपूर्ण समझ रखते हैं.

‘पीके’ के तौर पर चर्चित हैं पीके मिश्र
गुजरात कैडर के 1972 बैच के आईएएस ऑफिसर पीके मिश्र को कैबिनेट रैंक का पंजीकृत ा देते हुए दूसरे कार्यकाल में भी प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी का अलावा प्रधान सचिव बनाए रखा गया है. नीतिगत मुद्दों पर उनकी राय को अहम माना जाता है. इसके अतिरिक्त अहम पदों पर उम्मीदवारों की शॉर्टलिस्टिंग का कार्य भी वह करते हैं. कैबिनेट सचिवालय के साथ समन्वय  प्रशासनिक सुधारों में उनका दखल रहा है. लाइमलाइट से दूर रहने वाले शख्स के तौर पर उनकी पहचान रही है. वह पीएमओ  ब्यूरोक्रेसी के बीच कड़ी के तौर पर कार्य करते हैं. पूर्व में कृषि सचिव रहे मिश्र आपदा प्रबंधन में जुटी एजेंसियों की बैठकें लेते हैं  फसल बीमा जैसी स्कीमों पर निगरानी रखते हैं. इकॉनमिक्स में पीएचडी धारक मिश्र वर्ल्ड बैंक के अडवाइजरी ग्रुप में भी हैं.

संकटमोचक कहे जाते हैं अजित डोभाल

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल 2004-05 में आईबी के निदेशक भी रहे हैं. 74 वर्षीय डोभाल प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के पहले कार्यकाल में भी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार थे.एक इंटेलिजेंस अधिकारी के तौर पर वह खुद उदाहरण पेश करते रहे हैं. मिजोरम  पंजाब में उन्होंने कई मिशनों का नेतृत्व किया है. सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर बालाकोट की एयरस्ट्राइक जैसे अहम फैसलों में उनकी सहभागिता रही है. प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की सुरक्षा को लेकर मजबूत नेता के तौर पर पहचान है  इसके लिए नेपथ्य में रहकर कार्य करने वाले शख्स अजित डोभाल हैं.

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