मिथुन संक्रांति कल है. इस पर्व पर सूर्य को जल चढ़ाना चाहिए. सूर्य को जल चढ़ाने से आत्मविश्वास बढ़ता है. संक्राति काल यानि सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में जाने का समय, इस समय सूर्य को जल चढ़ाने से पुण्य प्राप्ति होती है व कई तरह के पाप भी समाप्त हो जाते हैं. संक्रांति काल के अतिरिक्त हर दिन भी सूर्य को जल चढ़ाना चाहिए.धार्मिक ही नहीं वैज्ञानिक नजरिए से देखा जाए तो भी इसके कई फायदे हैं.वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी सूर्य को सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है. सूर्य की किरणें शरीर में उपस्थित बैक्टीरिया को दूर कर निरोगी बनाने का काम करती हैं. वहीं धार्मिक दृष्टिकोण से देखें तो सूर्य देव को आत्मा का कारक माना गया है. इसलिए प्रात:काल सूर्य देव के दर्शन से मन को बेहतर काम करने की प्रेरणा मिलती है. साथ ही ये शरीर में स्फूर्ति भी लाता है. प्रात:कालीन सूर्य की किरणें हमारी आंखों व हमारे शरीर के ऊर्जा चक्र को सक्रिय करने में सहायक होती है.
- सक्रिय हो जाते हैं सभी अंग
सूर्य को जल चढ़ाने से होने वाले फायदे का वैज्ञानिक आधार भी है. वैज्ञानिकों के अनुसार प्रातः काल के समय सूर्य को चल चढ़ाने से शरीर को विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा मिलती है.इससे शरीर स्वस्थ रहता है. इंसान का शरीर पंच तत्वों से बना होता है. इनमें एक तत्व अग्नि भी है. सूर्य को अग्नि का कारक माना गया है. इसलिए प्रातः काल सूर्य को जल चढ़ाने से उसकी किरणें सारे शरीर पर पड़ती हैं. इससे हार्ट, त्वचा, आंखे, लिवर व दिमाग जैसे सभी अंग सक्रिय हो जाते हैं. सूर्य को जल चढ़ाने से मन में अच्छे विचार आते हैं, जिससे प्रसन्नता का अनुभव होता है. इससे सोचने-समझने की शक्ति भी बढ़ती है. ये आदमी की इच्छाशक्ति को मजबूत करने का भी कार्य करता है.
- धर्म ग्रंथों के अनुसार संक्रांति पर्व पर सूर्य को जल चढ़ाने का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य को देवों की श्रेणी में रखा गया है. उन्हें भक्तों को प्रत्यक्ष दर्शन देने वाला भी बोला जाता है. इसलिए संक्रांति महापर्व पर यानी जब सूर्य देव एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो इस विशेष स्थिति पर सूर्यदेव को जल चढ़ाने से पुण्य मिलता है.
1. संक्राति पर्व पर सूर्य को जल चढ़ाने से सम्मान मिलता है.
2. सफलता व तरक्की के लिए भी संक्रांति पर सूर्यदेव को जल चढ़ाया जाता है.
3. शत्रुओं पर जीत प्राप्त करनी हो तो संक्रांति पर्व पर सूर्य को जल चढ़ाना चाहिए.