प्यार में जीने मरने की कसमें खाने के बाद क्या होता है कि आकस्मित शादीशुदा कपल्स की जीवन तलाक तक पहुंच जाती है? उन्हें आकस्मित एक-दूसरे का साथ बोझ की तरह लगने लगता है. सारे कसमे-वादे उन्हें बेकार से लगने लगते हैं. वह अपने संबंध की डोर को किसी तरह खिंचने की प्रयास करते हैं व एक दिन उन्हें लगने लगता है कि अब अलग होना ही बेहतर है. दरअसल, आजकल के कपल्स में संयम की बहुत ज्यादा कमी है. वह अपने रिलेशनशिप के परिपक्व होने तक इंतजार नहीं कर पाते हैं. वो चाहते हैं कि सब कुछ परफेक्ट चले, जो कि विवाह के बाद थोड़ा कठिन होता है. वो छोटी-छोटी बहसे में उलझ कर रह जाते हैं व बिना सोचे समझे तलाक का निर्णय ले लेते हैं.शहरों की लाइफस्टाइल बहुत ज्यादा फास्ट होती है. कपल्स एक दूसरे के साथ ठीक से वक्त नहीं बिता पाते हैं. इसकी वजह से वो एक दूसरे से कटे-कटे रहने लगते हैं. उनके बीच की ये दूरियां धीरे-धीरे अलगाव व फिर तलाक में तब्दील हो जाती हैं. दरअसल, शहरों में पति-पत्नी दोनों ही नौकरीपेशे वाले होते हैं व अपना 8 से 10 घंटा बाहर बिताते हैं. ऐसे में उन्हें एक दूसरे के लिए भरपूर टाइम नहीं मिल पाता है. रिलेनशिप में बिना एक दूसरे को वक्त दिए बैगर सफलता की कामना नहीं की जा सकती.
इस वजह से होता है रिलेशन मज़बूत व नही आती तलाक की नौबत…
शादी के बाद अधिकांश रिलेशनशिप संयम की कमी की वजह से टूटते हैं. संयम व सहनशक्ति की वह चीज़ है, जो विवाह के बाद हमारे संबंध को बचाए रखती है. अगर आप चाहते हैं कि विवाह के बाद आपका रिलेशनशिप सफलतापूर्व लाइफलॉन्ग चले तो आपको अपने अंदर चीजों को सहन करने की शक्ति विकसित करनी होगी. लड़ाई का कोई अंत नहीं होता है, अगर कभी नोक-झोंक हो भी गई तो उसे बड़ा इश्यू न बनाएं. संयम से रिलेशन मज़बूत होता है व तलाक की नौबत नहीं आती है.
शादी के बाद अधिकांश रिलेशनशिप संयम की कमी की वज़ह से टूटते हैं. संयम व सहनशक्ति की वह चीज़ है, जो विवाह के बाद हमारे संबंध को बचाए रखती है. अगर आप चाहते हैं कि विवाह के बाद आपका रिलेशनशिप सफलतापूर्व लाइफलॉन्ग चले तो आपको अपने अंदर चीज़ों को सहन करने की शक्ति विकसित करनी होगी. लड़ाई का कोई अंत नहीं होता है, अगर कभी नोक-झोंक हो भी गई तो उसे बड़ा इश्यू न बनाएं. संयम से रिलेशन मज़बूत होता है व तलाक की नौबत नहीं आती है.