लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ0 मसूद अहमद ने कहा कि वर्ष 2017 में प्रदेश में भाजपा सरकार गठित होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा स्पष्ट रूप से कहा गया था कि प्रदेश में अपराध और अपराधी का कोई स्थान नहीं होगा साथ ही पेशेवर अपराधियों के सन्दर्भ में पुलिस विभाग को स्पष्ट आदेश दिया गया था कि अपराधी या तो जेल में होना चाहिए अथवा उसे ठोक दिया जाय। आदेश के बाद से ही लगातार प्रत्येक जिले में अपराधियों को पुलिस द्वारा या तो गिरफ्तार किया गया अथवा उसका एनकाउंटर कर दिया गया। हैरत की बात यह है कि फिर भी अपराध का ग्राफ निरन्तर बढता जा रहा है आखिर इन अपराधियों की खेप कहां से आ रही है।
डाॅ0 अहमद ने कहा कि हत्या, लूट और बलात्कार की घटनाओं की बाढ जैसी आ गयी है। आश्चर्य है कि बेटी बचाओं बेटी पढाओं का नारा देने वाली सरकार के शासन मेें प्रदेश में मासूम बच्चियों के साथ बलात्कार और हत्या की घटनाओं ने लगभग सम्पूर्ण उ0प्र0 को शर्मसार कर रखा है। शायद ही सम्पूर्ण भारत में इस प्रकार की घटनाओं का किसी अन्य प्रदेश में देखने को मिलता हो। विचित्रता यह है कि केन्द्र से लेकर प्रदेश तक की व्यवस्था इस सन्दर्भ में लगातार नाकाम साबित हो रही है यही कारण है कि न्यायपालिका को सामने आना पडा और मा0 सर्वोच्च न्यायालय ने बच्चों के साथ हुये बलात्कारों पर स्वतः संज्ञान लिया।
ज्ञातव्य है कि वर्ष 2019 में केवल 6 महीनें में बच्चों के बलात्कार से जुडे मामलों में 24,212 एफआईआर दर्ज हुयी है। इनमें से 12,231 में चार्जशीट दायर हो चुकी है और शेष की जांच चल रही है। मामलों की सुनवाई केवल चैथाई मुकदमों की प्रारम्भ हो सकी है। रालोद प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश में इस प्रकार की घटनाओं पर यदि शीघ्र ही प्रभावी कदम न उठाये गये तो सम्पूर्ण सामाजिक ताना बाना तहस नहस हो जायेगा। ऐसी स्थिति में सबका साथ सबका विकास ओर सबका विश्वास कहां दिखाई देगा। प्रदेश का सामाजिक विकास अवरूद्व होने पर अन्य सब विकास थोथा है।