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पांच दिन ही स्कूल बैग ले जाएंगे बच्चे 

लखनऊ.  सूबे की सरकार ने किसानों की कर्ज माफी के साथ ही ये लक्ष्य रखा है कि किसानों की आये 2022 तक दो गुना की जाए। इसी के साथ गांव में 18 घंटे, तहसील में 22 और शहरों में 24 घंटा बिजली पहुंचाई जा रही है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने प्राइवेट कंपनियों से बिजली भी खरीदी है। हमारी जिद्द है प्रदेश का विकास।होटल रेनैस्संस में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान डॉ दिनेश शर्मा ने ये बात कही।

इसके साथ ही उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा प्रणाली में खासा बदलाव होगा। उन्होंने कहा कि दुखी मन से कोई पढ़ा नही सकता और न ही ऐसे माहौल में कोई बच्चा पढ़ सकता है। जब तक अपने काम के प्रति इंट्रेस्ट नहीं होगा अच्छे नतीजे नहीं निकलेंगे। सरकारी टीचर कभी बीपीएल, गणना या चुनाव की ड्यूटी में तैनात कर दिए जाते हैं। इससे शिक्षा के क्षेत्र में बाधा आती है,इसे दूर किया जाएगा।

बच्चों के ऊपर भी शिक्षा का दबाव बढ़ रहा है। शिक्षा विभाग द्वारा एक प्रस्ताव तैयार किया गया है जिसे कैबिनेट में भी जल्द पेश किया जाएगा। सभी मीडियम के बच्चों को 5 दिन नार्मल पढाई और छठे दिन बिना बैग स्कूल जाने की व्यवस्था की जा रही है।इस दिन उन्हें कोकरिकुलर एक्टिविटी जैसे डिबेट, पेंटिंग,क्विज आदि जैसी चीजें कराई जाएं।

अध्यापकों के ट्रांसफर और पोस्टिंग में भी पारदर्शिता होगी। इसके लिए एक खास मॉडल बनाया जा रहा है। ये मॉडल पूरे देश में अभी कहीं नहीं है। शिक्षक इसके लिए ऑनलाइन अप्लाई कर सकेंगे। वेबसाइट के जरिये ही पता चल जाएगी कि कहाँ कितने पद हैं और प्रतिमिक्ता के अनुसार अप्लाई करने का ट्रांसफर होगा। वृद्ध, महिलाएं और आवश्यकता वालों को प्राथिमिकता दी जाएगी। ये भी देखा गया है की गांव में पोस्टिंग लेने में शिक्षकों को कम दिलचस्पी है। इसलिए ऐसे शिक्षकों को अतरिक्त सुविधा देने पर भी विचार किया जा रहा है।

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