लखनऊ। सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रानिक्स विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा मैनेजमेण्ट एसोसिएशन के सहयोग से “यूपी स्टार्टअप कान्क्लेव-2019″ का आयोजन आगामी 14 सितम्बर 2019 को लखनऊ स्थित इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में प्रातः 8ः30 बजे से किया जा रहा है,जिसमें देश के विभिन्न राज्यों से 1000 से अधिक स्टार्ट-अप्स, इण्डस्ट्री पार्टनर्स, मेन्टर्स तथा इन्क्यूबेटर्स द्वारा प्रतिभाग किया जायेगा।
प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश को एक नये स्टार्टअप हब के रूप में भारत के मानचित्र पर स्थापित करने के प्रति प्रदेश सरकार कटिबद्ध हैं। प्रदेश सरकार उद्यमिता और नवाचार को उद्योग के स्तम्भ के रूप में बढ़ावा देने हेतु निरन्तर प्रयास कर रही है तथा प्रदेश सरकार कृषि, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, ऊर्जा, खादी, शिक्षा, पर्यटन, परिवहन इत्यादि सभी क्षेत्रों के उद्योगों के लिए एक स्वतन्त्र एवं समग्र स्टार्ट-अप नीति बना रही है जो शीघ्र ही घोषित की जायेगी।
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार का लक्ष्य एक समग्र स्टार्टअप और उद्यमिता ईकोसिस्टम, जो स्कूल से काॅलेज, टिंकरिंग लैब से इन्क्यूबेटर और एक्सीलेरेटर, अनुसंधान और विकास से उत्कृष्टता के केन्द्र, विचारों से प्रोटोटाइप, एन्जेल इन्वेस्टमेण्ट से वेन्चर कैपिटल फण्डिंग, परामर्श से मेन्टरशिप, स्टार्टअप से व्यवसाय और सबसे ऊपर, प्रदेश में पुष्पित-पल्लवित होने और आगे बढ़ने के लिए एक अनुकूल वातावरण का निर्माण करना है। राज्य सरकार का उद्देश्य विद्यालय स्तर से ही उद्यमिता की संस्कृति को विकसित करना है, ताकि छात्र-छात्रायें, उद्यमिता के पाठ अपनी शिक्षा की प्रारम्भिक अवस्था में ही आत्मसात कर सकें।
डॉ. शर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने सरकार के महत्वाकाॅंक्षी ‘स्टार्ट-इन-यूपी’’ कार्यक्रम के अन्तर्गत इन्क्यूबेटर स्थापित करने में अनेक प्रमुख सरकारी और गैर-सरकारी संस्थानों को सहयोग दिया है। आईआईएम लखनऊ, आईआईटी कानपुर, आईआईटी बीएचयू, एमिटी विश्वविद्यालय, बेनेट विश्वविद्यालय, अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय आदि संस्थानों ने प्रदेश में नवाचार और उद्यमिता संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के वित्तीय और गैर वित्तीय सहायता के साथ इन्क्यूबेटर स्थापित किये हैं।
यूपी स्टार्टअप काॅन्क्लेव 2019 में उत्तर प्रदेश में एक विकासमान स्टार्टअप इकोसिस्टम विकसित करने पर एक पैनल चर्चा होगी। पैनल में प्रतिष्ठित वक्ताओं द्वारा उत्तर प्रदेश में स्टार्टअप से सम्बन्धित महत्वपूर्ण मुद्दों और उनके समक्ष चुनौतियों तथा उन पर नियंत्रण पाने के तरीकों पर विचारों का आदान-प्रदान किया जायेगा। उक्त कार्यक्रम के दर्शक, स्टार्टअप पिच-इन प्रतियोगिता को भारत के सर्वाधिक निपुण निवेशकों और इन्क्यूबेटर्स द्वारा मूल्यांकन के साक्षी होंगे, जो स्टार्टअप्स को उनकी विकास-यात्रा में आगे बढ़ायेंगे। कार्यक्रम में यह पहल न केवल सीखने वाले नव-उद्यमियों के व्यवसाय के स्तर को एक नई ऊंचाई प्रदान करेगी, अपितु भावी उद्यमियों का भी निर्माण करेगी। विचारों का यह मॅंच स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, स्वच्छता, एक जनपद एक उत्पाद (ओ.डी.ओ.पी.) आदि जैसी सामाजिक स्थिति में सुधार के साथ-साथ बेरोजगारी से निपटने में भी लाभकारी सिद्व होगा।
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में स्टार्ट-अप संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए वर्तमान सरकार के संकल्प-पत्र में उल्लिखित 1000 करोड़ रु. के स्टार्टअप फण्ड की स्थापना हेतु उ.प्र. शासन द्वारा सिडबी के साथ हस्ताक्षरित समझौता-ज्ञापन का औपचारिक आदान प्रदान भी कार्यक्रम के दौरान किया जायेगा तथा 15.00 करोड़ रु. की धनराशि का चेक सिडबी को उपलब्ध कराया जायेगा। उपमुख्यमंत्री एवं मन्त्री, सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रानिक्स, उत्तर प्रदेश डाॅ. दिनेश शर्मा द्वारा सर्वश्रेष्ठ स्टार्ट-अप्स को पुरस्कृत किया जायेगा।
कार्यक्रम में राज्यमंत्री, सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रानिक्स, अजीत पाल सिंह, अपर मुख्य सचिव, आईटी एवं इलेक्ट्रानिक्स, आलोक सिन्हा, डाॅ. सौरभ श्रीवास्तव, संस्थापक, इण्डिया एन्जेल नेटवर्क सहित अन्य प्रतिष्ठित गणमान्य अतिथियों द्वारा प्रतिभाग किया जायेगा।