नौकरी करने वालों के लिए बड़ी खबर है। ईपीएफओ यानी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन पेंशन से जुड़े एक बड़े नियम में बदलाव की तैयारी कर रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पेंशन के लिए उम्र की सीमा को 58 साल से बढ़ाकर 60 साल किया जा सकता है। अगर आसान शब्दों में समझें तो मौजूदा समय में अलग-अलग जगह नौकरी करते हुए भी आपकी सर्विस हिस्ट्री 10 साल की हो जाती है तो आप पेंशन पाने के हकदार बन जाते हैं और 58 साल की उम्र होने पर आपको मासिक पेंशन के तौर पर पैसा मिलने लगता है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, EPFO अब उम्र की सीमा को 58 साल से बढ़ाकर 60 साल कर सकता है। अगले महीने EPFO सेंट्रल बोर्ड ट्रस्ट की बैठक में इस पर विचार हो सकता है। इस फैसले से पेंशन फंड को 30 हजार करोड़ रुपये की राहत मिलेगी। साथ ही नौकरीपेशा लोगों की रिटायरमेंट उम्र भी 2 साल बढ़ सकती है। बोर्ड से मंजूरी मिलने के बाद प्रस्ताव कैबिनेट अप्रूवल के लिए लेबर मिनिस्ट्री को भेजा जाएगा। खबर के मुताबिक, EPF एक्ट 1952 में बदलाव की तैयारी है। इसे बदलने के पीछे बड़ा कारण दुनियाभर में तय की गई उम्र को बताया जा रहा है। दुनिया के ज्यादातर पेंशन फंड में पेंशन की उम्र 65 साल तय की गई है, इसीलिए इसे बदलने की तैयारी है।
आपको बता दें कि नौकरीपेशा लोगों की सैलरी से कटने वाली रकम दो खातों में जाती है। पहला प्रोविडेंट फंड यानी EPF और दूसरा पेंशन फंड यानी EPS होता है। कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 12 फीसदी हिस्सा ईपीएफ में जमा हो जाता है। इसके अलावा कंपनी की ओर से 3.67 फीसदी EPF में और बाकी 8.33 फीसदी हिस्सा कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में जमा होता है। ईपीएफ के लिए सैलरी की अधिकतम सीमा अभी 15,000 रुपये प्रति माह है। इसलिए ईपीएस में अधिकतम योगदान 1250 रुपये प्रतिमाह है।