हिंदुस्तान सरकार ने इस दिशा में कदम उठाए हैं। मांग में तेजी लाने के तरीका किए जा रहे हैं लेकिन बेरोजगारी के ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि आर्थिक मंदी की वजह से ये प्रभावी नहीं हो पा रहे हैं।
बढ़ती जा रही है बेरोजगारों की फौज
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी व पंजाब सेंट्रल यूनिवर्सिटी ने मिलकर बेरोजगारी की दर पर एक स्टडी की है। इसके मुताबिक युवाओं में बेरोजगारी की दर बढ़ी है। युवाओं को नौकरियां नहीं मिल रही हैं। 15 से 29 साल की आयु वाले लोगों के रोजगार के मौका मिलने पर अध्ययन किया गया। पता चला कि इस एज ग्रुप में 2004-2005 के बीच 8.9 मिलियन यानी 89 लाख युवा बेरोजगार थे। 2011-12 में इनकी संख्या बढ़कर 9 मिलियन यानी 90 लाख हो गई। 2017-18 में युवा बेरोजगारों की फौज ढाई करोड़ के पार पहुंच गई।
सबसे चिंताजनक बात ये है कि युवाओं का शिक्षा क्वालिफिकेशन बढ़ता जा रहा है लेकिन उन्हें नौकरियां नहीं मिल रही है। जिस हिसाब से पढ़े लिखे युवा बढ़ रहे हैं उस हिसाब से उन्हें नौकरियां नहीं मिल रही हैं।सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी
सबसे ज्यादा यूपी के युवा बेरोजगार
इस स्टडी में राज्यवार बेरोजगारों की संख्या की जानकारी दी गई है। बेरोजगारी के मुद्दे में यूपी नंबर वन है। उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 30 लाख युवा बेरोजगार हैं। ये सब अच्छी क्वालिफिकेशन हासिल करने वाले युवा हैं। इसके बाद आंध्र प्रदेश का नंबर आता है। आंध्र प्रदेश के 22 लाख युवा बेरोजगार हैं। इतनी ही संख्या में तमिलनाडु के युवा बेरोजगारी से जूझ रहे हैं।
इसके बाद महाराष्ट्र में 19 लाख, बिहार में 19 लाख, पश्चिम बंगाल में 15 लाख, मध्य प्रदेश में 13 लाख, कर्नाटक में 12 लाख, राजस्थान में 12 लाख, ओडिशा में 11 लाख, गुजरात में 10 लाख व केरल में 10 लाख युवा बेरोजगार हैं।