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संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन से पहले ही इस वजह से यूरोप और एशिया के लाखो लोगो ने किया प्रदर्शन

संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन से पहले वैश्विक तापवृद्धि के खिलाफ नए सिरे से कदम उठाने और विश्व नेताओं पर दबाव बनाने के लिए यूरोप और एशिया में लाखों लोग सड़कों पर उतरे। दिल्ली में करीब 50 स्कूलों और कॉलेज के छात्रों ने हाथ में तख्तियां लेकर नारेबाजी करते हुए पर्यावरण मंत्रालय की ओर मार्च किया। साथ ही उन्होंने सरकार से पर्यावरण आपातकाल घोषित करने की मांग भी की।

बर्लिन के ‘ब्रांडेनबर्ग गेट’ पर लोग तख्तियां लिए नजर आए जिस पर लिखा था, ‘एक ग्रह, एक लड़ाई।’ ‘फ्राइडेस फॉर फ्यूचर’ के ताजा प्रदर्शन में जर्मनी के 500 से अधिक शहरों में 6,30,000 लोगों ने प्रदर्शन किया। पुलिस ने बताया कि केवल हेमबर्ग में ही कुल 30,000 लोग और म्युनिख में 17,000 लोग एकत्रित हुए, जिन्होंने बढ़ते तापमान के खिलाफ आवाज उठाई। वहीं मैड्रिड में 17,00 लोग एकत्रित हुए, जहां अगले सप्ताह 12 दिवसीय सीओपी25 सम्मेलन का आयोजन होगा। इसके अलावा इंग्लैंड, आस्ट्रेलिया, फ्रांस आदि देशों में भी जलवायु परिवर्तन के खिलाफ प्रदर्शन किए।

‘फ्राइडेस फॉर फ्यूचर’ की डच शाखा ने कहा कि15 शहरों में प्रदर्शन जारी है। एम्स्टर्डम में शाम को एक पदयात्रा का आयोजन किया गया, जहां प्रदर्शनकारियों ने जलवायु संकट के पीड़ितों के लिए मौन भी रखा। अमेरिका और कनाडा में काफी कम संख्या में लोग सड़कों पर उतरे। न्यूयॉर्क में 100 और वॉशिंगटन में करीब 50 लोगों ने ही प्रदर्शन किया।

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