नक्सलियों पर नियंत्रण के लिए सरकार ने जिन सुरक्षा बटालियन को छत्तिसगढ़ का जिम्मा सौंपा था, वे आपस में ही एक दूसरे के खून के प्यासे हो गए। और ये खून का प्यास इतना बढ़ गया कि इसकी चपेट में 7 जवान आ गए। जिसमें 5 की मौत, जबकि 2 घायल है। खबरों की मानें तो अभी तक इस बात की स्पष्ट जानकारी नहीं मिल सकी है की आखिर यह गोलीबारी क्यों हुई है।
बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज. पी ने बताया कि जिले के धौड़ाई पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत कड़ेनार गांव में स्थित आईटीबीपी की 45वीं बटालियन के शिविर में जवान मसुदुल रहमान ने अचानक गोलीबारी शुरू कर दी। इस घटना में चार जवानों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई तथा तीन अन्य जवान घायल हो गए। मरने वालों जवानों में वह जवान भी शामिल है जिसने यह गोलीबारी की।
उन्होंने बताया कि इस घटना में हिमाचल प्रदेश निवासी प्रधान आरक्षक महेंद्र सिंह, पंजाब निवासी प्रधान आरक्षक दलजीत सिंह, पश्चिम बंगाल निवासी आरक्षक सुरजीत सरकार और आरक्षक बिश्वरूप महतो और केरल निवासी आरक्षक बीजीश की मौत हो गई जबकि केरल निवासी एस बी उल्लास और राजस्थान निवासी सीताराम दून घायल हुए हैं।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि अभी तक यह जानकारी नहीं मिली है कि रहमान ने खुद को गोली मारी या उसके साथियों ने जवाबी कार्रवाई में उसे मार गिराया । इस घटना में मारे गए जवानों की राइफल की जांच के बाद ही जानकारी मिल सकेगी कि जवानों ने रहमान पर गोली चलाई है या नहीं। इस संबंध में जानकारी ली जा रही है। वहीं घायल जवानों को बेहतर इलाज के लिए हेलीकॉप्टर से रायपुर से भेजा गया है।
आपको बता दें कि यह कोई पहला हमला नहीं है जो जवानों के बीच हुई हो, इससे पहले भी इस तरह के कई हमले हो चुंके है। जिसका वज़ह मानसिक परेशानी या सुविधाओं को बेहतर होना न था। अब देखना यह है कि इस हमले के पीछे सरकार या आईटीबीपी क्या कारण बताती है।