खाने में स्वाद लाना हो या खुशबु, मसाले इनमें अपनी अहम भूमिका निभाते हैं। इनमें से कुछ मसाले ऐसे भी होते हैं जो कई बीमारियों से आपकी सेहत का ख्याल रखते हैं। लेकिन बदलते समय के साथ ही लालच लोगों के दिमाग में इस कदर घर कर गया है कि, लालच के आगे मसाले दम तोड़ते दिख रहे हैं। जो आपके लिए किसी खतरे की घंटी से कम नहीं है।
दरअसल, दिल्ली में नकली और मिलावटी जीरा की फैक्ट्रीका खुलासा होने के बाद अब लोग इस बात को लेकर परेशान हो गए हैं कि कहीं उनके किचन में इस्तेमाल हो रहे मसाले भी मिलावटी तो नहीं हैं। तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसे तरीके जिससे आप ये पहचान कर सकते हैं कि, क्या मसालों में मिलावट की गई है या नहीं?
हल्दी पाउडर
हल्दी पाउडर में हो सकती है मिलावट। इसे जांचने के लिए हल्दी पानी में डालें। असली हल्दी हल्के पीले रंग की होती है। जबकि नकली हल्दी का रंग गहरा होता है। पानी में डालने के बाद नकली हल्दी का उड़ जाता है, जबकि असली हल्दी के रंग में कोई अधिक परिवर्तन नहीं होता।
धनिया पाउडर
धनिया में खरपतवार के मिश्रण से की जाती है मिलावट। इसलिए ब्रांडेड दुकानों से ब्रांडेड प्रोडक्ट ही खरीदारी। या फिर खुद से पाउडर तैयार करे। अगर आप खरीदारी करते हैं तो इसकी खुशबू का खास ख्याल रखें।
दालचीनी
दालचीनी में कैशियर की मिलावट की जाती है। हल्की भूरी और पतली लेयर की होती है असली दालचीनी। अगर दालचीनी में विशिष्ट खुशबू नहीं तो है नकली है।
नमक
कॉमन साल्ट और आयोडाइन युक्त साल्ट की पहचान करने के लिए आलू की एक तरफ कॉमन साल्ट और दूसरी तरफ आयोडाइज्ड साल्ट डालें। फिर कुछ बूंदे नींबू के रस की डाल और 7 से 10 मिनट बाद देखें। अगर उसका रंग नीला हो जाए तो यह आयोडाइज्ड साल्ट है और अगर नहीं तो यह कॉमन साल्ट है।
केसर
असली केसर का रंग गाढ़ा होता है जबकि आसानी से नहीं टूटता। यदि केसर पानी की सतह पर बैठ जाए और अपना रंग छोड़े तो वह असली है। जबकि मिलावटी केसर बहुत आसानी से टूट जाता है और रंग भी हल्का लाल और पीला होता है।
लौंग
असली लौंग पानी में डालने पर तैरती नहीं है। अगर पानी में डालने के बाद लौंग तैरने लगे तो वो असली लौंग नहीं है। इन उपायों को अपना कर आरप असली और नकली मसालों में अंदर स्पष्ट कर सकते हैं।