ज्योतिषशासित्र में पूर्णिमा का विशेष महत्व बताया गया है। पौराणिक कथाओं में भी पूर्णिमा का वर्णन मिलता है। यहां तक की किस्से, कहानियों,गजल और शायरी में भी इसका जिक्र खूब होता है, लेकिन पूर्णिमा का अपना अलग ही महत्व है, जिसका संबंध चंद्रमा से होता है। प्रत्येक माह में एक पूर्णिमा होती है। हर पूर्णिमा का अपना अलग ही महत्व है। पूर्णिमा को दिया गया दान श्रेष्ठ फल प्रदान करता है। इस दिन रखा जाने वाला व्रत मनोकमनाओं को पूर्ण करता है और चिंताओं से दूर रखता है। यहां तक की मोक्ष के लिए भी पूर्णिमा के दिन किए जाने वाल धार्मिक कार्य को उपयोगी बताया गया है।
हर माह होने के कारण इसे विभिन्न नामों से भी पुकारा जाता है जैसे जनवरी में पौष पूर्णिमा, फरवरी में माघ पूर्णिमा, मार्च में फाल्गुन पूर्णिमा, मई में वैशाख पूर्णिमा, जून में ज्येष्ठ पूर्णिमा, जुलाई में आषाढ़ पूर्णिमा, अगस्त में श्रावण पूर्णिमा, सितंबर में भाद्रपद पूर्णिमा, अक्टूबर में आश्विन पूर्णिमा, नवंबर में कार्तिक पूर्णिमा और दिसंबर में मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत होता है।
वर्ष 2020 का पूर्णिमा कलेंडर-
शुक्रवार, 10 जनवरी पौष पूर्णिमा व्रत
रविवार, 09 फरवरी माघ पूर्णिमा व्रत
सोमवार, 09 मार्च फाल्गुन पूर्णिमा व्रत
बुधवार, 08 अप्रैल चैत्र पूर्णिमा व्रत
गुरुवार, 07 मई वैशाख पूर्णिमा व्रत
शुक्रवार, 05 जून ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत
रविवार, 05 जुलाई आषाढ़ पूर्णिमा व्रत
सोमवार, 03 अगस्त श्रावण पूर्णिमा व्रत
बुधवार, 02 सितंबर भाद्रपद पूर्णिमा व्रत
गुरुवार, 01 अक्टूबर आश्विन पूर्णिमा व्रत (अधिक)
शनिवार, 31 अक्टूबर अश्विन पूर्णिमा व्रत
सोमवार, 30 नवंबर कार्तिक पूर्णिमा व्रत
बुधवार, 30 दिसंबर मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत