जामिया हिंसा की आग ज्यों-ज्यों ठंडी हो रही है, त्यों-त्यों दिल्ली पुलिस अपराध शाखा की एसआईटी की जांच रफ्तार पकड़ती जा रही है। इसी क्रम में दो दिन पहले एक संदिग्ध को एसआईटी ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। गिरफ्तार संदिग्ध का नाम मोहम्मद फुरकान है। फुरकान की गिरफ्तारी की पुष्टि दिल्ली पुलिस अपराध शाखा द्वारा जामिया हिंसा की जांच को गठित एसआईटी के प्रमुख डीसीपी राजेश देव ने शनिवार को आईएएनएस से की।
उन्होंने बताया कि फुरकान को हिंसा के बाबत जामिया नगर थाने में दर्ज मामले में गिरफ्तार किया गया। उसे तीन दिन की पुलिस रिमांड पर लाया गया था, ताकि हिंसक भीड़ में शामिल रहे बाकी उपद्रवियों की भी उससे पहचान कराई जा सके। फुरकान ने एसआईटी के पास मौजूद घटना का सीसीटीवी देखकर कई उपद्रवियों की पहचान की और उनके नाम पते-ठिकाने तक बता दिए हैं।
एसआईटी प्रमुख राजेश देव ने आईएएनएस से कहा, नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध में भडक़ी हिंसा को लेकर अलग-अलग 10 मामले दर्ज किए गए थे। इन तमाम एफआईआर में 101 लोगों को पहले गिरफ्तार किया जा चुका है। फुरकान की गिरफ्तारी 102वीं है। गिरफ्तार लोगों में भीम आर्मी का प्रमुख चंद्रशेखर भी है। एसआईटी की पूछताछ में फुरकान ने हिंसक भीड़ में घटना वाले दिन जामिया नगर इलाके में अपनी मौजूदगी कबूल की है।
वह इससे इंकार भी नहीं कर सकता था, क्योंकि एसआईटी के पास मौजूद सीसीटीवी फुटेज में वह साफ-साफ दिखाई दे रहा है। पेशे से इलेक्ट्रीशियन मोहम्मद फुरकान हिंसा वाले दिन माता मंदिर रोड पर स्थित एक कोठी पर लगे सीसीटीवी फुटेज में हिंसा करते कैद हुआ था। सीसीटीवी फुटेज में साफ-साफ दिखाई दे रहा है कि भीड़ के बीच हाथ में केन लिए फुरकान इधर-उधर भागदौड़ कर रहा है।
एसआईटी के एक अधिकारी ने बताया, फुरकान अली ने खुद कबूला है कि उसके हाथ में दिखाई दे रही केन में ज्वलनशील पदार्थ था। इस बात के भी सबूत जमा किए जा रहे हैं कि क्या घटना वाले दिन माता मंदिर रोड पर जिन दो बसों में आग लगाई गई थी, उनमें भी फुरकान का हाथ था। एसआईटी के अधिकारियों का दावा है कि फुरकान को जामिया नगर मेट्रो स्टेशन के पास से गिरफ्तार किया है।
एक अधिकारी ने कहा कि फुरकान की पहचान काफी पहले हो चुकी थी। उसका ठिकाना भी मिल चुका था, बस उसे गिरफ्तार करने के लिए सही वक्त का इंतजार था। जबकि, सूत्रों के अनुसार, फुरकान को गुरुवार शाम जामिया नगर थाने बुलवाया गया था, और वहां पहले से मौजूद एसआईटी की टीम ने उसे दबोच लिया।
सूत्रों के अनुसार, फुरकान की गिरफ्तारी के विरोध में आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्ला खान कुछ भीड़ लेकर जामिया नगर थाने पहुंचे थे। फुरकान के परिजनों ने उसकी गिरफ्तारी को गलत बताया है। उनके मुताबिक, फुरकान का फसाद से कोई वास्ता नहीं था, एक अदद मामूली बहस के चलते उसे फंसवाया गया है।
गौरतलब है कि, दक्षिण पूर्व जिले के जामिया नगर इलाके में सीएए के विरोध में भडक़ी हिंसा के मामले में जामिया नगर और न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी थानों में मामले दर्ज किए गए थे। सभी मामलों की जांच दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक ने अपराध शाखा की एसआईटी के हवाले कर दी थी।