लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि जंगलराज में दिन पर दिन खतरनाक होती कानून व्यवस्था से देश ही नहीं विदेशों तक में उत्तर प्रदेश की बदनामी हो रही है। इसके लिए भाजपा सरकार की लापरवाही जिम्मेदार है। कानून की लचर व्यवस्था और पुलिस तंत्र की संवेदनहीनता के चलते प्रदेश की बहू-बेटियों की जिंदगी असुरक्षित है। विडम्बना है कि मुख्यमंत्री जी के तमाम बयानों और सरकार के तमाम फैसलों के बाबजूद महिलाओ और बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही है। यही नहीं दुष्कर्म के साथ जिंदा जला देने जैसे जघन्य कांड भी होने लगे है।
मुख्यमंत्री जी ने ताबड़तोड़ कई घोषणाएं की। फास्टट्रैक स्पेशल कोर्ट, रात में महिलाओं को सुरक्षित घर पहुंचाने के लिए पुलिस फोर्स जैसी व्यवस्थाओं पर प्रदेश मंत्रिमण्डल ने निर्णय किया। पहले भी सख्त से सख्त कार्यवाही और अपराध के प्रति जीरों टालरेंस जैसे मुहावरे मुख्यमंत्री जी के मुख से सुने गए है, पर नतीजा हर बार ढाक के तीन पात जैसा दिखाई दिया है। उन्नाव के जघन्य कांड के बाद भी दुष्कांड हो रहे है। अजीब बात है कि जो पुलिस दिन में बच्चियों-महिलाओं की सुरक्षा नहीं कर सकती वह रात में अकेली महिला को क्या सुरक्षा देगी।
अभी बदांयू में सिविल लाइंस क्षेत्र की एक छात्रा को शोहदे ने छेड़ा तो हेल्पलाइन 181 पर मदद मांगी। पुलिस का जवाब मिला हमारी गाड़ी में डीजल नहीं है। पीड़िता के फोन पर उसे तत्काल रिस्पांस नहीं मिलने की कई घटनाएं सामने आ चुकी है। समाजवादी सरकार ने 1090 और यूपी 100 नं. की जो व्यवस्था की थी, उन्हे भाजपा सरकार ने शिथिल कर दिया। 100 और 112 की कवायद निरर्थक साबित हुई है।
जहां तक महिलाओं और बच्चियों के प्रति अपराधिक घटनाओं की बढ़त का सवाल है पिछले दो-तीन दिनों में ही कई दुष्कांड हुए है। बदायूं में एक किशोरी से दुष्कर्म, अंबेडकरनगर में एक आटो चालक ने महिला का रेप किया, मैनपुरी के करहल में एक छात्रा के अपहरण की कोशिश हुई, हरदोई में जिंदा जलाकर मार देने की धमकी से आतंकित दो सगी बहनों ने स्कूली पढ़ाई छोड़ दी। हरदोई में ही दो आरोपितों को पुलिस ने थाने से छोड़ दिया तो छूटते ही उन्होने पीड़िता के घर में आग लगा दी।
वस्तुतः महिला सुरक्षा के लिए जब कारगर सुरक्षा व्यवस्था और प्रतिरक्षक सामाजिक वातावरण बनेगा, तभी ऐसे जघन्य कांड रूकेगे लेकिन भाजपा की डबल इंजन सरकार तो विभाजनकारी नीतियां बनाने में ही लगी रहती है। क्या भाजपा के मुख्यमंत्री जी में नारी के सम्मान के लिए अंशमात्र भी संवेदनशीलता नहीं बची है।