आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले में स्थित एक दंपति ने अपनी 12 साल की लड़की को 46 वर्षीय एक व्यक्ति को बेच दिया. दंपति ने ऐसा इसलिए किया, क्योंकि उन्हें अपनी बड़ी बेटी का इलाज करना था. उनकी बड़ी बेटी सांस के रोग से पीड़ित है. आरोपी चिन्ना सुब्बैया ने बुधवार को नाबालिग से शादी की. हालांकि राहत की बात है कि गुरुवार को महिला और बाल विकास अधिकारियों ने लड़की बचा लिया. नाबालिग को जिला बाल स्वास्थ्य केंद्र में स्थानांतरित कर दिया गया है, जहां उसकी काउंसलिंग की जा रही है.
कोट्टूर निवासी दंपति से उनके पड़ोसी सुब्बैया ने मुलाकात की. कथित तौर पर उसने 10,000 रुपये में सौदा किया. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार लड़की के माता-पिता ने 25,000 रुपये मागे थे. इस मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों ने कहा कि सुब्बैया की पत्नी ने झगड़े के बाद उन्हें छोड़ दिया था.
नाबालिग से शादी करने के बाद बुधवार को वह उसे अपने रिश्तेदार के यहां धामपुर जिले में ले आया. जहां नाबालिग ने रोना शुरू कर दिया, जिसके बाद पड़ोसियों ने उससे पूछताछ की और गांव के सरपंच को मामले की जानकारी दी. गांव के सरपंच ने तब बाल विकास विभाग से संपर्क किया.
वहीं इससे पहले सामने आए एक ऐसे ही मामले में, एक नाबालिग लड़की को एक ओपेरा पाटीज़् में नौकरी की पेशकश के बहाने तस्करी कर लाया गया था. चाइल्डलाइन के अधिकारियों ने बालिकुडा से उसे बचाया. एक शिकायत के बाद बालिकुडा पुलिस ने सोभा गांव के महेंद्र कुमार स्वैन के खिलाफ मामला दर्ज किया, जिन्होंने कथित तौर पर भद्रक जिले के एक भक्त से लड़की को 40,000 रुपये में खरीदा था. हालांकि पुलिस को गिरफ्तार करने से पहले स्वैन भागने में सफल रहा.