समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद उनका अंतिम संस्कार उनके पैत्रिक गांव सैफई के मेला ग्राउंड में राजकीय सम्मान के साथ किया गया. उनके बेटे अखिलेश यादव ने पिता मुलायम सिंह यादव को नम आंखों के साथ मुखाग्नि दी.लोगों में अपने नेताजी को आखिरी बार देखने की ऐसी लालसा थी कि पंडाल में लगे खंभे पर चढ़ गए।
भीड़ बढ़ने से मची अफरा-तफरी और उमस से पंडाल में तीन-चार लोग बेहोश हो गए। आनन-फानन उन्हें एंबुलेंस से अस्पताल भेजा गया।मुलायम सिंह यादव के अंतिम संस्कार से पहले नेता जी का एक झलक पाने के लिए बडी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी हुई दिखी.
उनके चाहने वाला हर कोई यही चाहता था कि गरीबो के नेता का वह एक झलक पा सके.श्रद्धाजंलि देने के लिए मंच तक न पहुंच पाने वाले लोगों के सब्र का बांध टूट गया और बैरिकेडिंग के नीचे और ऊपर से निकलकर मंच की तरफ बढ़ने लगे।
यह देख कमिश्नर डॉ. राजशेखर के आग्रह पर प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने माइक संभालकर लोगों से मार्मिक अपील की, लेकिन भीड़ अपने नेता के पास पहुंचने के लिए थम ही नहीं रही थी। मुलायम सिंह यादव के अंतिम संस्कार से पहले उनका पार्थिव शरीर इटावा में सैफई में मेला मेले ग्राउंड रखा गया है. नेता जी के अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था।