आगरा में एक बंदर सिर्फ महिलाओं पर ही हमला करता है। शिक्षा भवन में रहने वाला यह बंदर पुरुषों पर हमला नहीं करता है। सिर्फ महिलाओं पर झपट्टा मारता है। शिक्षा भवन में तैनात महिला कर्मचारी बंदर के डर से कमरा बंद कर कार्य करती हैं।
एक महीने में एक दर्जन से भी अधिक महिलाओं पर यह बंदर हमलावर हो चुका है। विभागीय अधिकारियों ने वन विभाग को बंदर को रेस्क्यू करने के लिए पत्र लिखा है।
डीआईओएस कार्यालय की नीलिमा सिंह तो अपने कक्ष से बाहर ही नहीं निकलतीं। दरवाजा बंद करके ही रहती हैं। शिक्षा भवन की स्थिति यह हो गई है कि गेट के अंदर घुसते ही महिलाओं को सतर्क करना शुरू कर दिया जाता है कि संभलकर जाएं। अब तक यह बंदर एक दर्जन से ज्यादा महिलाओं को घायल कर चुका है। कर्मचारियों ने बताया कि यह बंदर शिक्षा भवन के बगल से बनीं बस्ती से आया है।
आजकल शिक्षा भवन एक बंदर का ठिकाना बना हुआ है। उसने अपना खौफ सिर्फ महिलाओं में फैला रखा है। महिलाओं को देखकर वो झपट्टा मारता है। उन्हें काटने को दौड़ता है। उसे वहां मौजूद पुरुषों की भीड़ से तनिक भी डर नहीं लगता। शिक्षा भवन के कर्मचारी खुद इस बात से काफी हैरान और परेशान हैं। उन्होंने बताया कि यह कक्ष में आकर बैठता है। पहले थोड़ा बहुत उत्पात मचाता था। लेकिन अब ये पुरुषों के साथ बहुत मित्रवत व्यवहार रखता है। पता नहीं क्यों यह बंदर महिलाओं को देखकर उग्र हो जाता है। कई महिलाओं को घायल कर चुका है। महिला शिक्षकों और महिला बाबुओं ने तो आना ही बहुत कम कर दिया है। उनकी मांग रहती है कि फोन से ही काम हो जाए।