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एक ख्वाहिश

एक ख्वाहिश

रहे यूं ही तेरा साथ सदा
मेरी यही एक ख्वाहिश है।
तू ही मिले हर जन्म में मुझे
खुदा से यही फरमाइश है।।
नाज है मुझे अपने आप पर
क्योंकि तू जो मेरी किस्मत है।
रूठना, मनाना तो चलता ही रहेगा
तेरी पलकों की छांव में ही जन्नत है।।


मेरे नखरे तू उठाते रहे हरदम
इतनी सी ही मेरी चाहत है।
ख्याल रखना अपना हमेशा
क्योंकि तू जो मेरी अमानत है।।
जिंदगी का सफर चाहे जैसा भी हो
साथ देना तुम मेरा, तुमसे यही गुजारिश है।

नीलू गुप्ता, सिलीगुड़ी, पश्चिम बंगाल

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