वाराणसी। अपर जिला जज (प्रथम) राजेश्वर शुक्ला की अदालत ने जान के मारने की नीयत से घर पर चढ़कर पिस्टल से फायर कर दो लोगों को गंभीर रूप से घायल करने के मामले में आरोपित रामा यादव व जय उर्फ विजय यादव की जमानत अर्जी मंजूर कर ली। अदालत ने आरोपितों को एक-एक लाख रुपये की दो जमानतें एवं बंधपत्र देने पर रिहा करने का आदेश दिया। अदालत में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अनुज यादव व उनके सहयोगी पंकज तिवारी एवं सतीश यादव ने पक्ष रखा।
जाने क्या हैं प्रकरण
अभियोजन के अनुसार संत रघुवर नगर, सिगरा निवासी पवन कुमार अग्रवाल ने 9 अक्टूबर 2020 को सिगरा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप था कि उसके आवास में अन्दर फालसीलिंग का कार्य चल रहा था। इस बीच 8 अक्टूबर को रात्रि में लगभग 9.35 बजे जब वह और उसका पुत्र अंकित अग्रवाल, पत्नी शशि अग्रवाल व बहू मंजरी व अंकित के बच्चे घर के अन्दर बगल वाले कमरे में बैठकर टीवी देख रहे थे। उसी समय मोटरसाईकिल से दो लोग उसके घर के बाहर आये और जान मारने की नियत से घर की तरफ लक्ष्य करके असलहे से 3-4 फायर किये।
फायरिंग की आवाज सुनकर वह और उसका पुत्र अंकित बाहर आये तो देखा कि कार्य करने वाले मिस्त्री के दाहिने पैर के घुटने पर फायर के कारण चोट लगी है और खून बह रहा है तथा दूसरे मिस्त्री दीपक राजभर के बायीं आंख के भौं के ऊपर चोट लगी है और खून बह रहा है। यह घटना 7 अक्टूबर 2020 को उसके आवास पर लोहे के ग्रिल का कार्य करने वाले मजदूर जय उर्फ वीरू यादव पुत्र पनारू यादव निवासी बड़ी पियरी एवं विनोद पटेल निवासी हृदयपुर, सारनाथ के साथ उसके पुत्र अंकित की बहसा-बहसी हो गयी थी, जिसके बाद जय यादव उर्फ वीरू ने उसके पुत्र को गालियां देते हुए जान से मारने की धमकी दिया था। उन्ही दोनों ने यह घटना की है।
अदालत में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ताओ ने दलील दी कि फर्जी ढंग से प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। कहासुनी केवल काम के बकाये पैसे की मांग को लेकर हुई थी। घटना के दौरान मौके पर उनकी उपस्थिति का भी कोई साक्ष्य नहीं पाया गया है। ऐसे में आरोपितों को जमानत पर रिहा करने की अपील की गई। अदालत ने दोनों पक्षों की दलील सुनने व पत्रावलियों का अवलोकन करने के बाद आरोपितों को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।
रिपोर्ट-जमील अख्तर