अंकिता मर्डर केस में तीनों आरोपियों की रिमांड ने एसआईटी की राह काफी आसान कर दी है।रिजॉर्ट के मौजूदा और पूर्व कर्मचारियों से पूछताछ में एसआईटी को पता चला है कि उनकी आगंतुक रजिस्टर में एंट्री नहीं की जाती थी। एसआईटी अब उनके ठहरने की मियाद के दौरान क्षेत्र में सक्रिय मोबाइल नंबरों से उनका पता लगाने की कोशिश करेगी।
हत्या के रोज यानी 18 सितंबर को उसने रिजॉर्ट में शाम करीब पांच बजे अंकिता का मुंह दबाकर उसे धमकाने की कोशिश की पर अंकिता नहीं मानी। अंकिता हत्याकांड में स्पेशल सर्विस के लिए वनंत्रा रिजॉर्ट आने वाले वीआईपी गेस्ट की पहचान के लिए एसआईटी पर लगातार दबाव बन रहा है।
इसी को स्पेशल सर्विस देने के लिए पूर्व भाजपा नेता विनोद आर्य का बेटा व रिजॉर्ट मालिक पुलकित आर्य और उसका निजी सहायक अंकित, अंकिता भंडारी पर दबाव डाल रहे थे।इसके बाद आरोपी उसे बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गए। काफी देर उसे घुमाने के बाद वे उसे चीला ले गए और उसकी हत्या कर दी गई।
आरोपियों ने रिमांड के दौरान पुलिस को ये जानकारी दी। एसआईटी ने इसकी हर कड़ी को जोड़ते हुए उनके खिलाफ काफी सबूत एकत्र कर लिए हैं।अंकिता के इंकार करने पर आरोपियों ने उसे नहर में धक्का देकर मरने के लिए छोड़ दिया था। इसी कड़ी में रिजॉर्ट के मौजूदा और पूर्व कर्मचारियों से एसआईटी ने लंबे समय तक पूछताछ की।