अभी देश में हाथरस कांड की गूंज है. इस बीच सुप्रीम कोर्ट में एक दलित लड़के की खुदकुशी का मामला पहुंचा है. दरअसल, लड़के ने ओबीसी समुदाय की एक लड़की से शादी की थी और शादी एक महीने बाद ही लड़की ने दलित लड़के और उसके भाई पर रेप का आरोप लगा दिया. यूपी के जालौन जिले के रहने वाले इस जोड़े ने भागकर आर्यसमाज मंदिर में पिछले 23 अगस्त को शादी की थी. शादी के अगले दिन जोड़े ने लखनऊ में अपनी शादी रिजस्टर्ड की थी.
इस घटना के बाद लड़की के चाचा ने लड़के पर लड़की के अपहरण का आरोप लगाते हुए FIR दर्ज करा दी. इसके बाद लड़के की फैमिली ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में गिरफ्तारी से बचने के लिए याचिका दायर की. हाई कोर्ट के निर्देश के बाद लड़की को अदालत में पेश किया गया, जहां लड़की ने अपने माता-पिता के साथ जाने को रजामंदी दे दी.
माता-पिता के घर जाने के करीब 15 दिन बाद लड़की ने CrPC के सेक्शन 164 के तहत 9 अक्टूबर को एक मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराया कि उसका अपहरण कर लिया गया था और लड़का, उसके भाई और ब्रदर इन लॉ परिवार की महिला सदस्यों की मदद से उसका यौन उत्पीड़न किया.
लड़की के बयान के बाद एक FIR दर्ज की गई. इसके बाद पिछले साल 25 सितंबर को हाई कोर्ट ने लड़के के परिवारवाले की गिरफ्तारी से रोक की मांग वाली याचिका खारिज कर दी. इसके अगले ही दिन लड़के ने आत्महत्या कर ली. इस घटना के बाद लड़के का भाई और उसका ब्रदर इन लॉ वकील भूषण राज के जरिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.