इंफाल: मणिपुर की इंफाल घाटी के पांच जिलों में बंद के कारण शनिवार को आम जनजीवन प्रभावित रहा। 14 दिसंबर को थौबल जिले में पुलिस के साथ मुठभेड़ में छह हथियारबंद लोगों की गिरफ्तारी और एक व्यक्ति की मौत के खिलाफ इस बंद का आह्वान किया गया था।
बंद समर्थकों ने की वाहनों में तोड़फोड़
बंद के कारण इंफाल घाटी के विभिन्न इलाकों में दुकानें और अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। साथ ही सार्वजनिक वाहन भी सड़कों पर नहीं दिखे। बंद समर्थकों ने इंफाल पश्चिम के लाम्फेल संकेथेल में सड़क पर विरोध प्रदर्शन किया और टायर जलाए। बिष्णुपुर जिले में बंद समर्थकों ने सड़कों पर चल रहे चौपहिया वाहनों में तोड़फोड़ की।
कोकोमी के छात्र और महिला संगठनों किया बंद का समर्थन
पुलिस के मुताबिक, चौबीस घंटे का बंद शुक्रवार शाम छह बजे शुरू हुआ था। इस बंद का समर्थन मणिपुर की एकता के लिए समन्वय समिति (कोकोमी) के छात्र और महिला संगठनों ने किया। कोकोमी कई मणिपुरी नागरिक समाज संगठनों का समूह है।
प्रतिबंधित संगठन के सदस्य थे गिरफ्तार लोग: पुलिस
पुलिस के मुताबिक, थौबल के सलुंगफाम में मुठभेड़ के बाद जिन छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है और जिस एक व्यक्ति की मौत हुई, वह प्रतिबंधित संगठन कंगलीपाक पीपुल्स रिवोल्यूशनरी पार्टी (प्रीपाक) के सदस्य थे। पुलिस ने बताया कि ये सभी लोग कथित तौर पर जबरन उगाही के कृत्यों में शामिल थे। पुलिस ने उनके कब्जे भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया, जिनमें कुछ पुलिस के चोरी के हथियार भी शामिल थे।
गांववालों का दावा
हालांकि, बंद समर्थकों का दावा है कि वे सभी लोग गांव के स्वयंसेवक हैं,जो अपने इलाके को हथियारबंद कुकी समूहों से बचाने के लिए काम कर रहे थे। मणिपुर में पिछले साल मई से मेतेई और कुकी-जो समूहों के बीच जातीय हिंसा जारी है। इस हिंसा में ढाई सौ से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं और हजारों लोग बेघर हुए हैं।