अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के हर फैसले का सम्मान करेंगे। साथ ही उन्होंने यह बात भी दोहराई कि बाबरी मस्जिद किसी मंदिर को तोड़कर नहीं बनाई गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मस्जिद अल्लाह की चीज है और यह कयामत तक रहेगी। उधर, इस मामले के मुख्य पक्षों में शामिल ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने संभावित परिणामों का सामना करने के लिए कानूनी विकल्पों की तलाश शुरू कर दी है। कानूनी विकल्पों पर विचार करने के लिए बोर्ड अपने सभी सदस्यों की मीटिंग बुलाने की योजना बना रहा है।