लखनऊ। भूजल दोहन, विकास, संचयन एवं संरक्षण के संदर्भ में लखनऊ विश्वविद्यालय एवं भूगर्भ जल विभाग द्वारा एक समझौता पत्र हस्ताक्षरित हुआ। विश्वविद्यालय भूगर्भ विभाग जल नमूना परीक्षण में सहायता प्रदान करेगा। भौतिक रसायनिक परीक्षण भारी धातु विश्लेषण, जीवाणु पैरामीटर परीक्षण में यह सहयोग देगा।
भूजल स्तर व गुणवत्ता के दीर्घकालीन प्रबंधन में यह एक प्रमुख भूमिका निभायेगा। दोनों संस्थायें संयुक्त परियोजनाओं का संचालन करेगी, जिसमें शोध द्वारा बौद्धिक संपदा का उत्पादन होगा एवं कर्मचारियों को ज्ञान आधारित प्रशिक्षण की भी व्यवस्था की जायेगी।
लखनऊ विश्वविद्यालय भूगर्भ विज्ञान विभाग एक प्रतिष्ठित विभाग है, जिसका योगदान भारत की अनेक महत्वपूर्ण संस्थाओं को प्राप्त है। ओएनजीसी, एमएटीसी, जीएसआई, बीरबल साहनी, प्रो. आईबी सिंह, प्रो. एमपी सिंह जैसे वरिष्ठ विद्वानों ने इस विभाग का गौरव बढ़ाया।
भूजल दोहन व शुद्धता पर्यावरणीय दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण है, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय एवं भूजल विभागाध्यक्ष डॉ. वीके उपाध्याय ने समझौते पर हस्ताक्षर किये। तीन वर्ष के इस समझौते में प्रति वर्ष 50 लाख तक के सैंपल टेस्टिंग की अपेक्षा होगी।