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भूख हड़ताल पर बैठे अन्नाद्रमुक विधायक, स्टालिन सरकार से की CBI जांच की मांग

तमिलनाडु में उन्नाद्रमुक के नेताओं ने कल्लाकुरुची जहरीली शराब त्रासदी को लेकर राज्य सरकार द्रमुक की निंदा की। इस मामले में सीबीआई जांच की मांग करते हुए अन्नाद्रमुक के कई नेता गुरुवार को भूख हड़ताल पर बैठ गए। दरअसल, जहरीली शराब पीने से अबतक 63 लोगों की मौत हो गई। अन्नाद्रमुक नेता एडप्पादी पलानीस्वामी समेत कई नेता इस भूख हड़ताल नें शामिल हो रहे हैं।

विधानसभा सत्र शुरू होने के बाद अन्नाद्रमुक ने सदन में कल्लाकुरुची जहरीली शराब त्रासदी को लेकर हंगामा किया। उन्होंने इस मामले में सीबीआई जांच के साथ मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के इस्तीफे की भी मांग की। सदन की कार्यवाही में बाधा डालने के लिए बुधवार को अन्नाद्रमुक को निलंबित करने का प्रस्ताव भी पारिस किया गया।

अन्नाद्रमुक विधायकों ने किया सदन में हंगामा
तमिलनाडु स्पीकर एम. अप्पावु ने विधानसभा की कार्यवाही को बाधित करने वाले विधायकों को बाहर जाने का आदेश दिया। दरअसल, ये सभी विधायक सदन में प्रश्नोत्तर सत्र को स्थगित करने की मांग कर रहे थे। इसी के साथ वे सदन में जहरीली शराब त्रासदी पर नारे भी लगा रहे थे। स्पीकर अप्पावु ने कहा, “विधानसभा में कई अहम मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए। जाति जनगणना का प्रस्ताव पारित होना है। मुख्यमंत्री भी चाहते हैं कि विपक्ष भी इसमें भाग लें। इसलिए सीएम ने स्पीकर से अनुरोध किया कि अन्नाद्रमुक विधायकों को निलंबित न किया जाए। नियम 56 के तहत अन्नाद्रमुक ने स्थगन प्रस्ताव दिया। लेकिन, वे मेरी बात सुनने को तैयार नहीं थे।”

उन्होंने आगे कहा, “हमने अन्नाद्रमुक विधायकों को कभी भी विधानसभा में बोलने से नहीं रोका। लेकिन उन्हें तय समय पर बोलना चाहिए। लोकतांत्रिक विधानसभा में यह देखना दुखद है। अन्नाद्रमुक के नेता लगातार कार्यवाही बाधित कर रहे थे। अगर ऐसा ही चलता रहा तो बाकी के विधायक अपने क्षेत्र के बारे में कैसे बोलेंगे।”

महिला आयोग के प्रतिनिधिमंडल ने की मृतकों के परिजनों से मुलाकात
बुधवार को खुशबू सुंदर के नेतृत्व राष्ट्रीय महिला आयोग के तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने जहरीली शराब पीकर जान गंवाने वालों के परिजनों से मुलाकात की। कल्लाकुरुची जिला कलेक्टोरेट ने बुधवार शाम को एक डेटा जारी किया। इसके अनुसार, जहरीली शराब पीकर जान गंवाने वालों की संख्या अब 63 हो चुकी है। मौजूदा समय में 78 लोगों का अस्पताल में इलाज जारी है। उनमें से 48 का इलाज सरकारी अस्पताल में चल रहा है। हालांकि, 66 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।

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