एक तरफ चुनाव की तारीखें क़रीब आती जा रही हैं और उधर भाजपा और सपा में, एक दूसरे पर तंज़, आरोप और प्रत्यारोपों का एक मुक़ाबला- सा शुरु हो चुका है। दोनों ही पार्टियों के नेता अपने वोट-बैंक को लुभाने और अपने पार्टी के लोगों में आत्मविश्वास बनाए रखने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को जहाँ ‘विनाश पुरुष’ कहा था। वहीं अखिलेश यादव ने भी शायद, उसी का जवाब पूरी भाजपा पार्टी को दिया है।
लखनऊ। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा जनता के बीच साख खो चुकी है। उसके साथ कोई नहीं है, वह अलग-थलग पड़ गई है। इसलिए भाजपा निम्नस्तर पर उतर आई है। समाजवादी पार्टी की सरकार बनने की बात हर गली में चर्चा में है। लोगों का मानना है कि भाजपा ने थोथे वादे किए है जबकि समाजवादी सरकार के काम की सच्चाई सब जानते हैं।
महंगाई और भ्रष्टाचार ने समाज में खाईं पैदा कर दी है-अखिलेश
उत्तर प्रदेश को भाजपा राज के पांच वर्षों में सबसे बुरे दिन देखने पड़े हैं। महंगाई और भ्रष्टाचार ने समाज में खाईं पैदा कर दी है। डीजल-पेट्रोल के दाम बढ़ने से खाद्य पदार्थों के भाव बढ़ गए हैं। परिवहन महंगा हो गया है। महंगी बिजली ने लोगों की कमर तोड़कर रख दी है। केन्द्र-राज्य में भाजपा की सरकारों के बावजूद उत्तर प्रदेश का बिजली का कोटा नहीं बढ़ा। भाजपा राज में एक यूनिट बिजली का उत्पादन नहीं हुआ।
सपा मुखिया ने गिनाए अपने कार्यकाल में किए काम
समाजवादी सरकार ने जनता के हित में 108 एम्बुलेंस सेवा शुरू की, प्रसूताओं के लिए 102 नम्बर सेवा शुरू की। महिलाओं के विरुद्ध अपराधों पर नियंत्रण के लिए 1090 वूमेन पावर लाइन शुरू की। गरीबों के इलाज के लिए कैंसर इंस्टीट्यूट बना जिसे भाजपा ने चालू नहीं किया। भाजपा ने अपनी नाकामियां छुपाने के लिए संगठित झूठ बोलने का अभियान चलाया है।
भाजपा अल्पसंख्यकों के प्रति रखती है विरोध का भाव
समाजवादी पार्टी और भाजपा में बुनियादी अंतर है। समाजवादी पार्टी सबको साथ लेकर चलती है। सद्भावना और सौहार्द समाजवादियों के चरित्र में है। वह सबका सम्मान करती है। सभी धर्मों के प्रति उसकी समान आस्था है। भाजपा की नीतियां नफरत और अलगाव पैदा करती है। समाज को बांटने के प्रयास किए जा रहे है। भाजपा अल्पसंख्यकों के प्रति विरोधभाव रखती है।
चुनाव आयोग ने चुनाव की तिथियां की घोषित, होनी है लोकतंत्र की परीक्षा
चुनाव आयोग ने चुनाव की तिथियां घोषित कर दी हैं। इन विधानसभा चुनावों में लोकतंत्र की भी परीक्षा होनी है। भाजपा ने जनता को बार-बार धोखा दिया है। अपने संकल्प पत्र में लिखे वादों को भी उसने पूरा नहीं किया है। न किसान की आय दोगुनी हुई न उसकी फसल को एमएसपी मिली। नौजवानों को नौकरियों का वायदा किया गया। उनको भी अंधेरी गुफा में ढकेल दिया गया है। अब जनता ने तय कर लिया है कि वह छल-फरेब और जुमलेबाजी वाली भाजपा को दोबारा सत्ता में नहीं आने देगी। इस बार 2022 में जनता की एक मात्र पसंद समाजवादी पार्टी है।
Report – Anshul Gaurav