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सेबी प्रमुख पर आरोप करोड़ों निवेशकों के विश्वास से जुड़ा गंभीर मामला, रमेश बोले- पारदर्शिता जरूरी

कांग्रेस ने भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) से जुड़े हालिया विवाद पर मंगलवार को फिर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि सेबी अध्यक्ष के हितों का गंभीर टकराव करोड़ों निवेशकों के विश्वास से जुड़ा एक गंभीर मामला है। हाल ही में अमेरिकी संस्था हिंडनबर्ग रिसर्च ने सेबी प्रमुख माधवी बुच के खिलाफ हितों के टकराव का आरोप लगाया था। माधवी ने आरोपों को बेबुनियाद बताया था।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘हाल ही में जारी आंकड़ों से पता चलता है कि यूनिक पैन के साथ नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का यूनिक पंजीकृत निवेशक आधार 10 करोड़ से अधिक हो गया है। इसका तात्कालिक अर्थ यह निकाला जा सकता है कि वित्तीय बाजारों में ईमानदारी और पारदर्शिता बड़ी व बढ़ती संख्या में भारतीयों, विशेष रूप से युवाओं के लिए मायने रखती है।’’

उन्होंने कहा कि एनएसई के अनुसार, इन निवेशकों की औसत आयु 32 वर्ष है और सभी निवेशकों में से 40 प्रतिशत 30 वर्ष से कम आयु के हैं। रमेश ने कहा, ‘‘वित्तीय बाज़ार इस धारणा पर कार्य करते हैं कि नियामक निष्पक्ष रूप से नियमन करेंगे और कंपनियां नियमों के अनुसार चलेंगी। लेकिन जब सेबी अध्यक्ष के हितों का गंभीर टकराव सामने आता है और वह भी अदाणी समूह द्वारा कथित धनशोधन एवं ‘राउंड ट्रिपिंग’ की जांच के संबंध में हो, तब यह करोड़ों निवेशकों के विश्वास से जुड़ा एक गंभीर मामला बन जाता है।’’

उन्होंने कहा कि विनियामक विफलता और हितों के टकराव भले ही कुछ समय के लिए सामने आएं और चर्चा में बने रहें, लेकिन इससे बाज़ार को लेकर सकारात्मक सोच व आत्मविश्वास को दीर्घकालिक नुकसान हो सकता है। कांग्रेस नेता ने कहा कि युवा और निवेशकों की बढ़ती संख्या निश्चित रूप से बेहतर की हक़दार है।

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