एटा। कौन कहता है आसमान में सूराख नही होता एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो, लेकिन इधर का माजरा ही कुछ अलग है,सूत्रों की माने तो तो इधर पत्थर तो उछाला ही नही कहते कह रहे है सूराख हो ही नही रहा है।
चुनावी सरगर्मी के बढ़ते हुये पारे के बीच मे अब जनता माननीयों से लेखा-जोखा मांगने लगी है कि मैंने आपको विधायक बनाया था लेकिन आपने मुझे क्या बनाया?
साल में 10 महीने कीचड़ के बीच से होता है आवागमन
समस्या उत्तर प्रदेश के जनपद एटा कासगंज और फर्रुखाबाद के बॉर्डर पर बसे राजा का रामपुर क्षेत्र की है,जहां पर नागरिक कीचड़ के बीच से साल में 10 महीने निकलते हैं, बारिश के दिनों में तो लोग सड़क से ही निकलना छोड़ जाते है,इस कारण व्यापार में अग्रणी रहे कस्बा राजा का रामपुर में आर्थिक हानि भी हो रही है और दिनों दिन पिछड़ता जा रहा है।
आधा दर्जन जनप्रतिनिधि मिलकर नही बनवा पाये सड़क
अलीगंज क्षेत्रीय विधायक सत्यपाल सिंह राठौर पटियाली विधायक ममतेश शाक्य एवम कायमगंज विधायक अमर सिंह इनके बावजूद सांसद राजवीर सिंह एवम सांसद मुकेश राजपूत जैसे नेतागण केवल जुबानी भाषणों में अग्रणी नजर आए क्षेत्र के इस क्षेत्र के विकास में फिस्सडी होते चले गये।
जनता भी है समझदार
नेताओ के चुपड़े हुये भाषण वोट करने के लिए अपनी तरफ आकर्षित तो कर लेते है,लेकिन वोट लेने के बाद में लगता है जनप्रतिनिधि उनको उनके हाल पर छोड़ देते है,अब आगे आने वाले चुनाव में देखने वाली बात ये होगी,2022 के चुनाव में ये माननीय लोग आखिर राज्य सरकार के कार्यो या केंद्र सरकार या अपने किये हुए कार्य या किस चीज के नाम पर वोट मांगेंगे ये भी एक देखने वाली होगी।
रिपोर्ट-अनुज प्रताप सिंह