वाराणसी। अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी दशाश्वमेध घाट पर पर गंगा आरती देख भावुक हो गए। उन्होंने बुधवार को वाराणसी की तारीफ करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि वाराणसी, तुमने मेरी आत्मा को छू लिया है। उन्होंने कहा कि वाराणसी के मशहूर घाटों से सूर्योदय और गंगा आरती देखना एक खूबसूरत याद दिलाता है कि परंपरा हमें कैसे गढ़ती है।
राजदूत ने कई पोस्ट में भारत के आध्यात्मिक शहर के अपने सफर की तस्वीरें साझा कीं। उन्होंने लिखा, असी घाट से गंगा पर सूर्योदय का अनुभव करना किसी खालिस अनुभव से कम नहीं था। इस पल को इतने सारे लोगों के साथ साझा करना कितना आनंददायक है, जो इतनी खूबसूरती देखने के लिए सुबह-सुबह इकट्ठा हुए थे।
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उन्होंने एक अन्य पोस्ट में कहा, दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती में नदी पर प्रतिबिंबित रोशनी और रात में गूंजती घंटियों की आवाज एक अविस्मरणीय माहौल बनाती है।इससे पहले अमेरिकी दूत ने लिखा था, नमस्ते वाराणसी! मैं आखिरकार रोशनी के शहर की यात्रा करने के लिए उत्साहित हूं। इस जीवंत शहर के खूबसूरत घाटों, प्राचीन मंदिरों और कालातीत परंपराओं को देखने के लिए उत्सुक हूं।
दुर्गा पूजा का हिस्सा होना सम्मान की बात
हाल ही में गार्सेटी कोलकाता में दुर्गा पूजा समारोह में भी गए थे। उन्होंने 12 अक्तूबर की पोस्ट में लिखा, दुर्गा पूजा के दौरान कोलकाता में पंडालों में घूमना एक अलग ही अनुभव है। हर पंडाल और घर में की जाने वाली पूजा एक कहानी बयां करती है और इस मौसम की अनूठी भावना और विरासत का जश्न मनाती है। कला, इतिहास, संस्कृति और समुदाय के इस खूबसूरत मिश्रण का हिस्सा बनना मेरे लिए सम्मान की बात है।
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अमेरिकी राजदूत ने सारनाथ में किया बुद्धत्व का अहसास
अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल सारनाथ का अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने बुधवार को भ्रमण किया। इस दौरान उन्होंने बुद्धत्व का अहसास किया। बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि सारनाथ आने पर असीम शांति की अनुभूति हो रही है।
अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी बुधवार दोपहर 12 बजे पुरातात्विक उत्खनित स्थल परिसर पहुंचे। उन्होंने धर्मराजिका स्तूप, अशोक की लाट और मूलगंध कुटी मंदिर के अवशेष को देखा। उन्होंने धमेख स्तूप पर बने बारीक कलाकृतियों को देखा एवं ऐतिहासिकता की जानकारी ली। इसके बाद वे लगभग 12:35 पुरातात्विक संग्रहालय पहुंचे।