SCO समिट में चीन के राष्ट्रपति शी Jinping ने रविवार को कहा कि भारत और पाकिस्तान के शामिल होने से इसकी ताकत और बढ़ी है। इसके साथ उन्होंने देशों के आपसी टकराव व सुरक्षा पर जोर दिया। उन्होंने इस मौके पर आठ सदस्यीय इस समूह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन का स्वागत किया। भारत और पाकिस्तान को पिछले साल पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल किया गया था। पीएम मोदी और हुसैन इस शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। 18 वें एससीओ सम्मेलन की मेजबानी कर रहे जिनपिंग ने बैठक में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पाकिस्तान के राष्ट्रपति हुसैन की उपस्थिति ‘महान ऐतिहासिक क्षण’ है।
Jinping, शीत युद्ध या कोल्ड वॉर की मानसिकता को खारिज कर सुरक्षा को बढ़ाना
जिनपिंग ने कहा हमें शीत युद्ध या कोल्ड वॉर की मानसिकता और गुटों के बीच टकराव को खारिज करना चाहिए। इसके साथ अन्य देशों की सुरक्षा के बिना खुद की पूर्ण सुरक्षा के चलन का विरोध करना चाहिए। जिससे सभी देशों को सुरक्षा प्राप्त हो सके। जिनपिंग ने कहा हमें आत्म केन्द्रित, अदूरदर्शी और बंद कमरे की राजनीति को खारिज करना चाहिए। हमें डब्ल्यूटीओ नियमों को कायम रखना चाहिए और मल्टी लेटरल ट्रेड सिस्टम का समर्थन करना चाहिए। इस दौरान उन्होंने समस्याओं को दूर करने, जोखिमों को कम करने और चुनौतियों से निपटने के लिए शंघाई भावना को आगे बढ़ाने पर जोर दिया।
विकास की प्रक्रिया में बनी खाई को पाटना जरूरी
चीन के राष्ट्रपति ने विकास की प्रक्रिया में बनी खाई को पाटना के साथ विकास पर जोर दिया। इसके साथ उन्होंने कहा कि एससीओ सदस्य देशों को आतंकवाद, अलगाववाद और चरमपंथ का मुकाबला करने के लिए सहयोग के 2019-2021 प्रोग्राम को एक्टिव तरीके से लागू करने के लिए कहा। उन्होंने युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में शांति और पुनर्निर्माण के लिए एससीओ अफगानिस्तान संपर्क समूह की भूमिका को पूरी तरह से निभाने की कोशिश करने का आह्वान किया। इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी व अन्य नेताओं ने भाग लिया।