चीन से शुरू हुआ कोरोनावायरस का कहर अब पूरी दुनिया पर नजर आ रहा है। इसी वजह से कई देशों ने चिकित्सा उपकरणों का भंडारण करना शुरू कर दिया है। वहीं निवेशकों को वैश्विक मंदी के आसार नजर आ रहे हैं। पिछले छह दिनों से लगातार शेयर बाजार में गिरावट दर्ज की जा रही है। इससे पहले ऐसा 2008 में हुआ था, जब वैश्विक मंदी आई थी। उस समय भी वारयस ने अतंरराष्ट्रीय यात्राओं और सप्लाई चेन को प्रभावित किया था।
वहीं शुक्रवार को शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। दुनिया भर के शेयर बाजारों में हाहाकार मचा हुआ है। दोपहर 12:07 बजे बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स 1,214.27 अंक यानी 3.06 की गिरावट के बाद 38,531.39 के स्तर पर था। जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 364 अंक यानी 3.13 फीसदी की गिरावट के बाद 11,269.30 के स्तर पर था। घरेलू शेयर बाजार में भारी गिरावट से कुछ ही मिनटों में निवेशकों के करीब पांच लाख करोड़ रुपये डूब गए। मित्सुबिशी यूएफजे मॉर्गन स्टेनली सिक्योरिटीज के मुख्य निवेश रणनीतिकार नोरिहिरो फुजितो ने कहा, ‘कोरोनावायरस अब एक महामारी की तरह लग रहा है। बाजार तब तक बड़े जोखिमों का सामना कर सकता है जब तक की उसे आखिरी उम्मीद नहीं दिखाई देती। लेकिन इस समय कोई नहीं बता सकता है कि यह कितना लंबा चलेगा और यह कितना गंभीर हो सकता है।’ चीन जहां से पिछले साल इस वायरस की शुरुआत हुई थी वहां शुक्रवार को 327 नए मामले सामने आए हैं।
चिकित्सा उकरणों का हो रहा भंडारण
चिकित्सा आपूर्ति का संग्रहण करने के अलावा, सरकार ने स्कूलों को बंद कर दिया है और बड़े आयोजनों को रद्द कर दिया गया है। जिसमें स्पोर्ट्स कार्यक्रम भी शामिल हैं। जिससे की कोविड-19 नामक बीमारी को फैलने से रोका जा सके। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का प्रशासन सुरक्षात्मक सामान के अमेरिकी उत्पादन का तेजी से विस्तार करने के लिए विशेष शक्तियों को लागू करने पर विचार कर रहा है। वहीं यूरोप और फ्रांस में सामने आए मामले दोगुने हो चुके हैं।