ईरान से निकाले गए 53 लोगों का नया बैच सोमवार को जैसलमेर के आर्मी वेलनेस सेंटर पहुंचा। कोरोनावायरस प्रकोप के चलते मध्य-पूर्वी देश में अब तक 700 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं, जिसके कारण भारत अपने नागरिकों को वहां से निकाल रहा है। इससे पहले रविवार को 236 लोगों का पहला बैच जैसलमेर पहुंचा था।
प्रक्रिया के अनुसार, इन लोगों की एयरपोर्ट पर प्राथमिक जांच की गई। इसके बाद उन्हें राजस्थान के संगरोध केंद्र भेजा गया जहां वह 14 दिन तक चिकित्सा अधिकारियों की निगरानी में अलग-थलग रहेंगे। अतिरिक्त प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) रोहित कुमार सिंह ने रविवार को कहा कि हम सारे जरूरी उपाय कर रहे हैं।
राजस्थान में रक्षा के जनसंपर्क अधिकारी कर्नल संबित घोष ने कहा कि रविवार सुबह, पहले बैच के 236 लोग एयर इंडिया के दो विमानों से ईरान से जैसलमेर पहुंचे थे। सिंह ने आगे बताया कि सिविल और आर्मी अधिकारी इस स्थिति में निर्बाध और सुचारू संचालन के लिए आपसी समन्वय से काम कर रहे हैं। आर्मी अधिकारियों को राज्य सरकार द्वारा पर्याप्त पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्युपमेंट) किट और अन्य सहयोग उपलब्ध कराया गया है।
सिंह ने कहा कि राजस्थान में स्थिति नियंत्रण में है। मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत की कलेक्टरों के साथ सुबह हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कोरोनावायरस से निपटने की चुनौती का संकल्प और मजबूत हुआ है।
कर्नल घोष ने कहा, “कोविड-19 को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा महामारी घोषित कर दिया गया है और बड़ी संख्या में भारतीय नागरिक कोरोना प्रभावित देशों में फंसे हुए हैं, जैसे इटली और ईरान। इन सभी भारतीयों को निकाला जा रहा है।”
उन्होंने आगे कहा कि एहतियात के तौर पर निकाले गए इन सभी लोगों को 14 दिन तक आइसोलेशन में रखा जा रहा है। आर्मी ने इसके लिए कई स्थानों पर वेलनेस सेंटर स्थापित किए हैं।